नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2,000 रुपये के नोटों को प्रचलन से वापस लेने के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के फैसले के खिलाफ दायर याचिका सोमवार को खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता वकील रजनीश भास्कर गुप्ता की याचिका को जनहित याचिका (पीआईएल) के रूप में खारिज कर दिया, इसमें आरबीआई के फैसले को चुनौती दी गई थी। इसमें तर्क दिया गया था कि आरबीआई अधिनियम के अनुसार इस तरह का निर्णय लेने के लिए उसके पास स्वतंत्र प्राधिकार का अभाव है।
याचिकाकर्ता ने पहले तर्क दिया था कि आरबीआई नोटों को प्रचलन से बाहर नहीं हो सकता है या बैंक नोटों को बंद नहीं कर सकता है और केवल केंद्र के पास ऐसी शक्तियां हैं। 29 मई को, उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता वकील अश्विनी उपाध्याय की इसी तरह की याचिका को खारिज कर दिया था, इसमें आरबीआई और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अधिसूचनाओं को चुनौती दी गई थी, जो बिना किसी पहचान प्रमाण के 2,000 रुपये के नोटों को बदलने की अनुमति देती है।
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