December 26, 2024

हिम सन्देश

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पॉलिसी के नाम पर 37 लाख रुपयों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का खुलासा

पॉलिसी के नाम पर 37 लाख रुपयों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का खुलासा

साइबर पुलिस उत्तराखण्ड तीन सदस्यों को बागपत और नोएडा से किया गिरफ्तार

देहरादून। उत्तराखण्ड की साइबर पुलिस ने पॉलिसी के नाम पर 37 लाख रुपयों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए मामले में संलिप्त तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने जानकारी देते हुये बताया कि कुछ दिन पहले साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन पर देहरादून निवासी पीड़ित ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी जिसके मुताबिक आरोपी ने SBI Smart Wealth Builder Policy के अधिकारी / कर्मचारी बताकर पॉलिसी खुलवाने व खुलवाया फिर उसको गलत बताकर ठीक कराने के नाम पर व पॉलिसी की यूनिट वैल्यू पर अनेक लाभ कमाने का लालच दिया और अलग-अलग खातों में कई बार कुल 36,99,084.36/-रुपये (छत्तीस लाख निन्यानवे हजार चौरासी रुपये व छत्तीस पैसे) जमा करा लिए।

जब मामले की छानबीन शुरू हुई तो पुलिस ने मामले में तीन लोगों को अंकित (निवासी बमनौली जिला बागपत उत्तर प्रदेश) को दोघाट बागपत उत्तर प्रदेश , मिन्टू कुमार (निवासी बमनौली जिला बागपत उत्तर प्रदेश ) और गौतम कुमार (निवासी बमनौली जिला बागपत उत्तर प्रदेश) को नोईडा उ0प्र0 से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपी गौतम कुमार ने पूछताछ मे थाना बोराडी नई दिल्ली क्षेत्र में साइबर अपराध एवं धोखाधडी में संलिप्त एक कॉल सैन्टर की भी जानकारी दी।
जिसके बाद उत्तराखण्ड साइबर पुलिस और दिल्ली पुलिस ने मिलकर संयुक्त उस कॉल सेंटर में दबिश देकर 6 और लोगों को गिरफ्तार किया।

पकडे गए आरोपी HDFC बैंक में फर्जी नौकरी दिलाने के लिए Naukri.com पर फर्जी विज्ञापन देकर लोगो से ठगी करते है। कॉल सेंटर से पकड़े गये आरोपी मोहित कुमार द्वारा बताया गया कि वह Naukri.com के कर्मचारी का रूपांन्तरण कर अपने नम्बरों को OLX प्लैटफार्म पर डालते है।

अपराध का तरीकाः
आरोपी पीड़ितों को कॉल कर स्वंय को SBI Smart Wealth Builder Policy के अधिकारी / कर्मचारी बताकर पालिसी खुलवाने व खुलवाकर उसको गलत बताकर ठीक कराने के नाम पर व पालिसी की यूनिट वैल्यू पर अनेक लाभ कमाने का लालच देकर धोखाधड़ी करते है और काम के लिए वे फर्जी सिम, आईडी कार्ड का प्रयोग करते है। इतना ही नही इस तरह की धोखाधड़ी के लिए वे अलग अलग मोबाईल हैण्डसेट, सिम कार्ड व फर्जी बैंक खातों का प्रयोग करते है।