नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरित मानस पर की गई टिप्पणी का विवाद फिलहाल थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है। राजनीतिक दलों के साथ साथ साधु-संतों द्वारा भी स्वामी के बयान की निंदा की जा रही है, इसी कड़ी में अयोध्या स्थित हनुमान मंदिर के महंत रादू दास ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर कलम करने पर 21 लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान किया है। इससे पहले तपस्वी छावनी के परमहंस दास ने मौर्य की जीभ काटने वाले पर इनाम देने की घोषणा की थी। बताते चलें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह कहकर विवाद को जन्म दे दिया था कि रामचरित मानस के कुछ छंद समाज के एक वर्ग का अपमान कर रहे हैं, लिहाजा इस पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।
परमहंस दास ने मौर्य को पार्टी का महासचिव बनाए जाने पर भी सपा की आलोचना की है। उन्होंने कहा, “समाजवादी पार्टी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें पार्टी का महासचिव बनाकर उनका कद बढ़ा दिया है।” विवाद गरमाने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने कदम पीछे करने से इनकार कर दिया है।
सपा नेता मौर्य ने कहा, “धर्म के नाम पर आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों और महिलाओं के अपमान की साजिशों का मैं विरोध करता रहूंगा। जिस तरह कुत्तों के भौंकने से हाथी बेफिक्र रहता है और अपना रास्ता नहीं बदलता, मैं भी नहीं बदलूंगा. उन (आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों और महिलाओं) के लिए सम्मान पाने की दिशा में मेरा रुख यही रहेगा।
इधर अखिलेश यादव ने इस विषय पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि भगवान राम और रामचरितमानस के खिलाफ कोई नहीं है.. बकौल अखिलेश, कल मैं मंदिर गया तो RSS-BJP के गुंडे आ गए, हमें पता होता BJP गुंडे भेजने वाली है तो हम अपने कार्यकर्ताओं के साथ आते। उन्होंने कहा कि काला झंडा जब समाजवादी दिखाते हैं तो उन्हें 1 साल के लिए जेल भेजा जाता है।
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