तेलंगाना में सरकार बनने के बाद कांग्रेस किसी तरह से राज्य की सभी 15 सीटें जीतने की रणनीति बना रही है और इसी क्रम में कहा जा रहा है कि पुराने सहयोगी असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया एमआईएम के साथ भी कांग्रेस तालमेल कर सकती है। ध्यान रहे एकीकृत आंध्र प्रदेश में कांग्रेस और एमआईएम का साथ रहा है लेकिन 2012 में अकबरूद्दीन ओवैसी की गिरफ्तारी के बाद तालमेल खत्म हो गया और दोनों पार्टियां एक दूसरे पर हमला करने लगीं। कांग्रेस के सर्वोच्च नेता राहुल गांधी भी ओवैसी की पार्टी को भाजपा की बी टीम बता कर उसके ऊपर हमला करते हैं। लेकिन अब तालमेल की संभावना जताई जा रही है।
यह संभावना इसलिए जताई जा रही है क्योंकि शुक्रवार को लंदन में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और ओवैसी के भाई अकबरूद्दीन ओवैसी की मुलाकात हुई। दोनों एक साथ टेम्स नदी का रिवर फ्रंट देखने गए। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने ओवैसी को आमंत्रित किया था ताकि हैदराबाद की मुसी नदी को पुनर्जीवित करने और रिवर फ्रंट डेवलप करने की परियोजना का आइडिया मिले। दोनों के इस सद्भाव को देख कर तालमेल की चर्चा शुरू हो गई है। हालांकि मौजूदा समय में कांग्रेस का ओवैसी के साथ तालमेल उसके लिए आत्मघाती हो सकता है। पहले तो एमआईएम के विरोध में कांग्रेस काफी आगे बढ़ चुकी है। अगर वह तालमेल करती है तो भाजपा को मौका मिलेगा यह कहने का ओवैसी कभी भाजपा की बी टीम नहीं थे, बल्कि कांग्रेस की बी टीम हैं। ध्यान रहे पिछली बार तेलंगाना में कांग्रेस ने तीन और ओवैसी ने एक सीट जीती थी, जबकि भाजपा को चार सीटें मिली थीं। अगर कांग्रेस और ओवैसी साथ आते हैं तो ज्यादा ध्रुवीकरण होगा और भाजपा की सीटें बढ़ सकती हैं।
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