ख़ुशी से भर उठेगा तन और मन
आजकल डिप्रेशन और एंजाइटी की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है, जिससे बचने के लिए लोग तरह-तरह के महंगे ट्रीटमेंट लेते हैं. लेकिन आप इस नेचुरल चीज से भी अपने डिप्रेशन में काफी हद तक कम कर सकते हैं।
काम का प्रेशर, भागती-दौड़ती जिंदगी, अनहेल्दी लाइफस्टाइल, स्ट्रेस और तनाव के कारण आजकल कई लोगों को डिप्रेशन और एंजाइटी की समस्या हो रही है. यह मानसिक स्थिति हमारी ओवरऑल हेल्थ पर बहुत बुरा असर डालती है और इससे कई गंभीर समस्या भी हो सकती हैं।
ऐसे में डिप्रेशन से बचने के लिए लोग एंटी डिप्रेसेंट दवाइयां लेते हैं या फिर महंगी-महंगी थेरेपी और साइकेट्रिस्ट के चक्कर लगाते हैं. लेकिन एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर आप इस नेचुरल चीज को करेंगे तो इससे आप डिप्रेशन से पूरी तरह से निजात पा सकते हैं और अपने मूड को फ्रेश कर सकते हैं।
अगर आप भी डिप्रेशन और एंजाइटी से परेशान है और नेचुरल तरीके से इस कम करना चाहते हैं, तो इसके लिए नेचर से जुड़ाव करें. जी हां, एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि नेचर और ग्रीनरी में समय बिताने से हमारी मानसिक और शारीरिक दोनों हेल्थ पर सुधार होता है. इससे हमारा मन शांत होता है और एंजाइटी कम होती है. इसके अलावा कार्डियोवैस्कुलर डिजीज और हार्ट हेल्थ पर भी पॉजिटिव इफेक्ट पड़ता है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, घास पर नंगे पैर चलने से आपको पॉजिटिव एनर्जी फील होती है. दरअसल, मिट्टी एक एंटी डिप्रेसेंट का काम करती है, जिसकी सोंधी खुशबू एक न्यूरोट्रांसमीटर को एक्टिव करती है और सेरोटोनिन को रिलीज करती है. जिससे हमें खुशी का एहसास होता है.
एक रिसर्च के अनुसार, जिन लोगों के घर के आसपास 100 मीटर तक पेड़ पौधे और हरियाली होती है, उन्हें एंटी डिप्रेसेंट दवा लेने की संभावना आम लोगों की तुलना में कम होती है।
अगर आप भी अपने डिप्रेशन और एंजाइटी को कम करना चाहते हैं, तो रोज सुबह 2 से 5 मिनट तक किसी गार्डन या पार्क में जाएं और ध्यान से हरियाली को देखें. इससे आंखों को सुकून मिलता है, दिमाग फ्रेश होता है और डिप्रेशन से छुटकारा मिलता है. इस थेरेपी को ग्रीन या ब्लू प्रिस्क्रिप्शन भी कहा जाता है।
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