16 कुमाऊं रेजीमेंट में तैनात थे कमल सिंह भाकुनी
मुख्यमंत्री धामी ने जताया दुख
देहरादून। मणिुपर में मां भारती की सेवा करते हुए उत्तराखंड के जवान ने अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। 16 कुमाऊं रेजीमेंट में तैनात कमल सिंह भाकुनी मणिुपर में हुए नक्सली हमले में बलिदान हो गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कमल सिंह भाकुनी के बलिदान पर दुख व्यक्त किया है। मणिपुर में माँ भारती की सेवा करते हुए नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए सैन्यभूमि उत्तराखण्ड के लाल एवं 16 कुमाऊं रेजीमेंट में तैनात कमल सिंह भाकुनी की शहादत को शत्-शत् नमन।
ईश्वर, दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिजनों को यह दुःख सहने की असीम शक्ति… उन्होंने कहा है कि ‘नक्सली मुठभेड़ में बलिदान हुए सैन्यभूमि उत्तराखण्ड के लाल एवं 16 कुमाऊं रेजीमेंट में तैनात कमल सिंह भाकुनी की शहादत को शत्-शत् नमन। ईश्वर, दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिजनों को यह दुःख सहने की असीम शक्ति…’ अल्मोड़ा के बूंगा गांव के सैनिक कमल सिंह भाकुनी के मणिपुर में बलिदान होने के बाद से पूरा गांव शोक में डूब गया। हालांकि बलिदानी का पार्थिव अब गुरुवार को गांव पहुंचेगा। लेकिन इस बीच उसके घर में लोगों का आना-जाना लगा रहा। मूलरूप से सोमेश्वर के चनौदा बूंगा गांव निवासी कमल सिंह भाकुनी (24) पुत्र चंदन सिंह भाकुनी 16 कुमाऊं रेजीमेंट में मणिपुर में तैनात थे।
बीते मंगलवार को उन्हें ड्यूटी के दौरान गोली लग गई, गोली लगने से कमल का बलिदान हो गया। देर शाम उनके गांव में घटना की सूचना मिली। इस दौरान पूरे गांव में मातम पसर गया। इधर बुधवार को भी गांव में गमगीन माहौल रहा। पूरा दिन बलिदानी कमल के घर आने-जाने वालों का तांता लगा रहा। उधर तमाम प्रक्रिया पूरी करने के बाद अब दिवंगत का पार्थिव गुरुवार को गांव पहुंचेगा। 24 वर्षीय कमल चार वर्ष पूर्व सेना में भर्ती हुए थे। कमल सिंह भाकुनी के बड़े भाई प्रदीप भाकुनी भी सेना में सेवारत हैं। उनके पिता गांव में काश्तकारी करते हैं। माता दीपा भाकुनी गृहणी है।
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