मां बनना एक बहुत ही खूबसूरत एहसास होता है लेकिन यह जर्नी काफी कठिन होती है। इसमें मां को अपने सेहत का खास ख्याल रखना पड़ता है क्योंकि जरा सी लापरवाही बच्चे पर भी बुरा असर करती है। सही खानपान, नियमित एक्सरसाइज औऱ डॉक्टर से फॉलो अप के साथ-साथ प्रेग्नेंट महिलाओं को फोन से भी दूरी बनानी चाहिए। प्रेगनेंसी के दौरान मोबाइल फोन के इस्तेमाल से पेट में पल रहे बच्चे के विकास पर बुरा असर पड़ सकता है आइए जानते हैं एक एक्सपर्ट इस पर क्या कहते हैं।
शोध में ये बात आई सामने
रिपोर्ट के मुताबिक येल स्कूल ऑफ मेडिसिन में किए गए शोध में पाया गया है कि अत्याधिक मोबाइल रेडिएशन में अगर गर्भवती महिलाएं रहती हैं तो जन्म के बाद बच्चे को जीवन भर बिहेवियर प्रॉबल्म से गुजरना पड़ता है। यही नहीं इसकी वजह से गर्भ में पल रहे बच्चे के मानसिक विकास पर भी पुरा असर पड़ता है। बच्चे बचपन से ही काफी हाइपरएक्टिव हो सकते हैं। और उनका व्यवहार भी अन्य बच्चों की तुलना में ज्यादा उत्तेजित हो सकता है। ये खास कर गर्भावस्था के 2 से 18 सप्ताह के बीच नुकसान पहुंचा सकता है।
आपको बता दें कि इससे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन निकलता है। ये वेव्स शरीर के डीएनए को डैमेज कर सकता है औऱ हमारे शरीर में बन रहे जीवीत सेल्स के मोलक्यूल्स को बदल सकते हैं। ये आगे जाकर बच्चे के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। महिलाएं लंबे समय तक रेडिएशन के संपर्क में रहती हैं तो इससे उनके दिमाग पर असर पड़ सकता है। नींद का पैटर्न गड़बड़ हो सकता है। इससे थकान, एंग्जाइती जैसी प्रॉब्लम हो सकता है। इससे य़ाददाश पर भी असर पड़ सकता है। डेनमार्क में भी हुई एक स्टडी में सामने आया था कि जो महिलाएं डिलीवरी के पहले और बाद में स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल करते थे उनके बच्चे में हाइपरएक्टिविटी और व्यवहार से जुड़ी समस्याएं थी।
प्रेग्नेंट महिलाएं फोन से कैसे बनाएं दूरी
मोबाइल फोन पर बात करने के बजाए मेसेज में बात करें।
इस दौरान ज्यादा सोशल मीडिया को स्क्रॉल करने से बचें।
फोन पर बात भी करना है तो हैंड फ्री कर के ही बात करें ताकी शरीर के नजदीक रेडिएशन को कम किया जा सके।
टाइम पास करने के लिए मोबाइल की जगह कोई किताब पढ़ें या बुनाई करें।
फोन को हर वक्त अपने साथ लेकर नहीं रहें।
सीरियल या मूवी फोन पर देखने के बजाए टीवी पर ही देखें।
रात को सोते समय फोन को तकिया के नीचे रख कर ना सोएं।
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