पौड़ी प्रशासन गांव को विस्थापन करने के लिए कई बार पत्रावलियां बना चुका है। लेकिन उसके बावजूद मामला ठंडे बस्ते में है। धारकोट गांव में भी भूमि धंसने के कारण गजेंद्र असवाल का मकान क्षतिग्रस्त हो गया है। जिससे अन्य ग्रामीण भी घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। इससे सटे गांव भूमियासारी में भी सड़कों पर दरारें और जमीन खिसकने से ग्रामीणों को जानमाल के खतरे का डर सता रहा है। ग्रामीण विस्थापन की मांग कर रहे हैं।
बीन नदी उफान पर आने से प्रशासन को इन गांवों में राहत सामग्री पहुंचाने में दिक्कत आ रही है। प्रशासन की टीम गांव में कैंप कर रही है। लेकिन पर्याप्त राहत सामग्री नहीं मिल पा रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि स्थानीय नेता ग्रामीणों की सुध नहीं ले रहे हैं। प्रधान संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष बचन बिष्ट ने शासन से इन गांवों को अन्य सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित करने की मांग की है।
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