December 24, 2024

हिम सन्देश

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दुर्गम में सेवारत कार्मिकों को ट्रांसफर एक्ट की धाराओं के लाभ दें विभाग- शासन

दुर्गम में सेवारत कार्मिकों को ट्रांसफर एक्ट की धाराओं के लाभ दें विभाग- शासन

ट्रांसफर एक्ट की धारा 20 क और ख के प्रावधानों का लाभ देने सम्बन्धी आदेश जारी

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने शासन के समक्ष उठाया था मुद्दा

देहरादून। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखण्ड के प्रान्तीय प्रवक्ता आर पी जोशी द्वारा आज प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया, कि कतिपय विभागों द्वारा दुर्गम में सेवारत कार्मिकों को स्थानान्तरण एक्ट की धारा 20 (क) एवं (ख) में अंकित प्राविधानों, का लाभ नहीं दिया जा रहा था, जिस पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद द्वारा यह प्रकरण विगत 07 अगस्त 2023 को सचिव कार्मिक से बैठक कर उठाया गया था। उक्त पर शासन द्वारा कार्यवाही कर शासनादेश जारी करते हुए वार्षिक स्थानान्तरण अधिनियम 2017 की धारा 20(क) एवं (ख) का लाभ कार्मिकों को अनुमन्य कराए जाने हेतु विभागीय सचिवों को स्पष्ट कर दिया गया है।

प्रदेश प्रवक्ता जोशी ने स्पष्ट किया कि वार्षिक स्थानान्तरण अधिनियम की धारा 20 (क) में यह प्राविधान है कि दुर्गम में सेवारत कार्मिक को प्रोत्साहन स्वरुप 7000 फीट से ज्यादा की तैनाती पर 1 वर्ष की सेवा को 2 वर्ष की सुगम की सेवा के समतुल्य माना जाएगा जबकि 20 (ख) में प्राविधान किया गया है कि 7000 फीट से कम स्थान पर 1 वर्ष की सेवा को 1 वर्ष 3 माह के सुगम स्थान की सेवा के समतुल्य माना जाएगा, किन्तु कई विभागों में इसका लाभ कार्मिकों को प्रदान नहीं किया जा रहा था। इस विषय का सर्वप्रथम संज्ञान राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरिजेश काण्डपाल द्वारा लिया गया एवं प्रदेश अध्यक्ष अरुण पाण्डे को पत्र लिखकर इसे शासन स्तर पर उठाए जाने का अनुरोध किया गया जिस पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद द्वारा प्रकरण शासन के समक्ष रखा गया एवं कार्मिकों के हित में शासनादेश जारी कराने में सफल रहा।

परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पाण्डे एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरिजेश काण्डपाल द्वारा यह उम्मीद जताई गई कि उक्त शासनादेश के जारी होने के उपरान्त भविष्य में किसी भी विभाग द्वारा स्थानान्तरण एक्ट के प्राविधानों का उल्लंघन नहीं किया जाएगा। परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पाण्डे द्वारा बताया गया, कि परिषद द्वारा शासन स्तर पर यह भी मांग की गई है कि कई विभागों के कार्यालयों में इन्टरनेट की सुविधा न होने के कारण एसीआर आनलाइन अंकित किए जाने में कठिनाई उत्पन्न हो रही है, वहां पर आफलाइन एसीआर अंकित किए जाने की सुविधा कार्मिकों को प्रदान की जाए जिस पर शासन स्तर पत्रावली गतिमान है, इस पर भी यथाशीघ्र शासनादेश जारी होने की उम्मीद पाण्डे द्वारा जताई गई है।