जीभ सिर्फ खाने का टेस्ट ही नहीं बल्कि सेहत के बारे में भी कई राज उजागर करती है. रिसर्च के मुताबिक जब आप बीमार पड़ते हैं तो डॉक्टर सबसे पहले आपका जीभ चेक करता है क्योंकि जीभ सेहत के बारे में काफी कुछ बताती है। जीभ हमारे शरीर का बेहद महत्वपूर्ण पार्ट है। जीभ में ही वह सेंस होता है कि इससे आप खाने का स्वाद लगा सकते हैं. जीभ के रंग से हमारी हेल्थ का भी पता चलता है। आपके जीभ का रंग बदल रहा है तो बिना समय बर्बाद किए आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। दरअसल, हाल ही में एक रिसर्च सामने आई है जिसमें साफ लिखा गया है कि कई गंभीर बीमारी के शुरुआती लक्षण में जीभ का रंग बदलता है।
सफेद रंग की जीभ
आपके जीभ का रंग सफेद हो गया है तब यह एक बड़ी बीमारी का संकेत है। विशेषज्ञों के मुताबिक जब आपका जीभ सफेद रंग की हो रही है तो आपके शरीर में पानी की भारी कमी हो रही है. सफेद जीभ ल्यूकोप्लेकिया, ओरल लिचेन प्लेनस और सिफिलिस जैसे बीमारियों के शुरुआती लक्षणों को दर्शाता है।
लाल रंग की जीभ
डॉक्टर्स के मुताबिक अगर आपके जीभ का रंग लाल हो गया है तो यह अक्सर ऐसी स्थिती में होता है जब शरीर में फ्लू, बुखार या संक्रमण ने दस्तक दी हो, लाल जीभ विटामिन बी और आयरन की कमी के लक्षण को दर्शाता है।
काले रंग की जीभ
जीभ का काला पडऩा एक गंभीर और बड़ी बीमारी का संकेत हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक जीभ का काला पडऩा कैंसर, फंगस और अल्सर जैसी बीमारी होने का संकेत देता है। गले में बैक्टीरिया या फंगस की वजह से भी अक्सर जीभ का रंग काला पड़ जाता है।
पीले रंग की जीभ
डॉक्टर्स के मुताबिक पीले रंग की जीभ ओवरईटिंग की वजह से भी हो सकती है। वहीं अगर बीमारी की बात करें तो यह डाइडेशन, लिवर या मुंह में ज्यादा बैक्टीरिया होने की वजह से भी जीभ का रंग का पीला पडऩे लगता है। इस कारण मुंह से बदबू आना, थकावट और बुखार हो सकता है।
More Stories
फलों का स्वाद नमकीन क्यों नहीं होता? जानिए खट्टे-मीठे फलों पर नमक डालकर खाना सही या गलत
सर्दियों में आइसक्रीम खाना सही है या नहीं? जानिए डाइटिशियन की राय
क्यों आती है पढ़ाई करते समय नींद ? आलस नहीं झपकी लगने के हैं और भी कारण