लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई तेज हो गई। विपक्ष की सभी पार्टिंयों के नेताओं पर तलवार लटकी है। विपक्ष की कोई पार्टी नहीं बची है, जिसके नेता या नेताओं के परिजनों को समन नहीं जा रहा है या पूछताछ नहीं हो रही है या उसके यहां छापा नहीं पड़ रहा है। छोटे से लेकर बड़े नेता तक केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई में उलझे हैं। चुनाव की घोषणा एक-डेढ़ महीने में होने वाली है और उससे पहले सभी पार्टियों के नेता कानूनी कार्रवाई में लगे हैं। कांग्रेस के लिए बड़े महत्व का काम करने वाले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुड्डा से ईडी ने जमीन से जुड़े एक मामले में पूछताछ की है। राजस्थान में कांग्रेस के बड़े नेता और पिछली सरकार में मंत्री रहे महेश जोशी के यहां जल जीवन मिशन में कथित घोटाले को लेकर ईडी ने छापा मारा है। इसी तरह पंजाब में कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे साधु सिंह धर्मसोत को एक कथित घोटाले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम महादेव बेटिंग ऐप घोटाले में शामिल कर दिया गया है।
कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी पर भी शिकंजा कसा है। उसके दो बड़े नेता- मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जेल में बंद हैं। शराब नीति में हुए कथित घोटाले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चार समन मिल चुके हैं। केजरीवाल चौथे समन पर भी हाजिर नहीं हुए हैं। अब उनको पांचवां समन जारी होगा। उधर झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से 20 जनवरी को ईडी की पूछताछ होनी है। उनको आठ समन भेजे गए थे तब जाकर पूछताछ का समय तय हुआ है। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे के करीबी रहे एक व्यक्ति को कोरोना के समय हुए कथित खिचड़ी घोटाले में गिरफ्तार कर लिया गया है। के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता को भी दिल्ली की शराब नीति में हुए कथित घोटाले में समन जारी हुआ था। बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पिछले समन पर ईडी के सामने हाजिर नहीं हुए थे। उनको फिर कभी भी समन जारी हो सकता है। जमीन के बदले रेलवे में नौकरी के मामले में लालू प्रसाद के परिवार के पांच सदस्य आरोपी बनाए जा चुके है। उधर पश्चिम बंगाल में भी हर हफ्ते छापे पड़ रहे हैं।
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