December 29, 2024

हिम सन्देश

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सचिव आपदा प्रबन्धन डॉ० रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत एवं बचाव, स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि की जानकारी मीडिया को दी

सचिव आपदा प्रबन्धन डॉ० रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत एवं बचाव, स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि की जानकारी मीडिया को दी

सरकार द्वारा प्रभावितों को हर प्रकार की राहत के आश्वासन को पूरा करते हुए अन्तरिम राहत के तौर पर अभी तक 42 प्रभावितों को वितरित की जा चुकी है 63 लाख रूपये की धनराशि

तीक्ष्ण / पूर्ण क्षतिग्रस्त भवनों हेतु एसडीआरएफ के तहत 10 प्रभावितों को 13.00 लाख रूपये की धनराशि वितरित की गई है।

वर्तमान समय में जोशीमठ में एन.डी.आर.एफ. की 02 टुकड़ियाँ तैनात की गई है तथा जोशीमठ क्षेत्र हेतु एक टुकड़ी और रवाना की जा रही है। जोशीमठ में एस.डी.आर.एफ. की 08 टुकड़ियाँ तैनात की गई है।

भारत सरकार द्वारा किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने हेतु गौचर में सेना, आईटीबीपी के हैलीकाॅप्टर तैनात किए गए हैं।

सीबीआरआई, वाडिया इन्संटीयूट, जीएसआई, आईआईआरएस तथा एनजीआरआई की एक समिति जोखिम मूल्यांकन हेतु गठित की गई है।

पानी के डिस्चार्ज में 50 प्रतिशत से भी अधिक की कमी आई है।

आई.आई.आर.एस. द्वारा लैण्ड मूवमेन्ट के सैटेलाइट फोटोग्राफस उपलब्ध कराये जायेंगे।

सी.बी.आर.आई. द्वारा अस्थायी पुनर्वास किये जाने हेतु प्री फेब हट के डिजाईन तैयार किये जा रही है।

सी.बी.आर.आई. की टीम ने जोशीमठ पहुँचकर क्षतिग्रस्त भवनों का सर्वेक्षण कार्य प्रारम्भ कर दिया है।

वाडिया संस्थान द्वारा क्षेत्र का भूकम्प की दृष्टि से अध्ययन किया जा रहा है।

वाडिया संस्थान द्वारा 03 भूकम्पीय स्टेशन स्थापित।

आई.आई.टी. रूड़की द्वारा भू-तकनीकी अध्ययन किया जा रहा हैं।

जी.एस.आई. द्वारा प्रभावित क्षेत्र का भूमि सर्वेक्षण एवं पुनर्वास किये जाने हेतु चयनित भूमि का भूगर्भीय अध्ययन किया जा रहा है।

एन.जी.आर.आई. हैदराबाद की टीम भूमिगत जल चैनल के अध्ययन हेतु कल जोशीमठ पहुँच रही है।

हिम सन्देश, 12 जनवरी, 2023, गुरुवार, देहरादून। सचिव आपदा प्रबन्धन डॉ० रंजीत कुमार सिन्हा ने गुरूवार को जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत एवं बचाव, स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यों की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा प्रभावितों को दिए गए हर प्रकार के राहत के आश्वासन को पूरा करते हुए विस्थापन हेतु अंतरिम राहत के रूप में 42 परिवारों को 63 लाख रूपये की धनराशि वितरित कर दी गयी है।

सी.बी.आर.आई. द्वारा धवस्तीरण से नुकसान का आंकलन, जिन आवासों/भवनों का धवस्त किया जाना है, का निगरानी और अस्थायी पुनर्वास किये जाने हेतु प्री फेब हट की डिजाईन तैयार की जा रही है। सी.बी.आर.आई. की टीम आज जोशीमठ पहुंच गयी तथा क्षतिग्रस्त भवन का सर्वेक्षण कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। वर्तमान समय में जोशीमठ में एन.डी.आर.एफ. की 02 टुकड़ियाँ तैनात की गई है तथा जोशीमठ क्षेत्र हेतु एक टुकड़ी और रवाना की जा रही है। जोशीमठ में एस.डी.आर.एफ. की 08 टुकड़ियाँ तैनात की गई है। इसके साथ ही आकस्मिक स्थिति हेतु सेना, आईटीबीपी के हैलीकाॅप्टर तैनात किए गए हैं। आई.आई.टी. रूड़की द्वारा भू-तकनीकी अध्ययन किया जा रहा है। आई.आई.आर.एस. द्वारा लैण्ड मूवमेन्ट का सैटेलाइट फोटोग्राफस उपलब्ध कराये जायेंगे। जी.एस.आई. द्वारा प्रभावित क्षेत्र का भूमि सर्वेक्षण एवं पुनर्वास किये जाने हेतु चयनित भूमि का भूगर्भीय अध्ययन किया जा रहा है। वाडिया संस्थान द्वारा क्षेत्र के भूकम्प के दृष्टि से अध्ययन किया जा रहा है तथा 03 भूकम्पीय स्टेशन लगाये जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त भूमिगत उप-सतही सर्वेक्षण के भू-भौतिकीय अन्वेशण शुरू किया गया है। राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान द्वारा प्रभावित क्षेत्र का भु-भौतिकीय अध्ययन किया जा रहा है, जिसका हाइड्रोलाॅजिकल मैप भी उपलब्ध कराया जायेगा। एनजीआरआई हैदराबाद की टीम कल जोशीमठ पहुँच रही है, जो कि भूमिगत जल चैनल का अध्ययन करेगी। जोखिम मूल्यांकन हेतु सीबीआरआई, वाडिया इन्संटीयूट, जीएसआई, आईआईआरएस तथा एनजीआरआई की समिति गठित की गई है।

सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो 06 जनवरी 2023 करे 540 एल.पी.एम. था, वर्तमान में घट कर 240 एल.पी.एम. हो गया है। अस्थायी रूप से जोशीमठ में कुल 344 कक्ष/कमरे है जिनकी क्षमता 1425 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष/कमरे है जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। उन्हें चिहिन्त कर लिया गया हैं। प्रभावितों को वितरित राहत राशि के तहत प्रति परिवार 5000 रूपये की दर से घरेलू राहत सामाग्री हेतु अभी तक कुल 73 (कुल 3.65 लाख रूपये) प्रभावितों को वितरित की गई है। तीक्ष्ण / पूर्ण क्षतिग्रस्त भवन हेतु 10 प्रभावितों को 13.00 लाख रूपये धनराशि वितरित की गई है। सचिव आपदा प्रबन्धन ने बताया कि जनपद चमोली में राहत एवं बचाव कार्यों के लिये धनराशि रू० 11.00 करोड़ पूर्व में ही अवमुक्त की जा चुकी है। 4000 रूपये प्रति परिवार की दर से 03 परिवारों को 12000 रूपये वितरित किये जा चुके हैं। जोशीमठ में ड्रेनेज सम्बन्धित कार्यों तथा टो-इरोजन की रोकथाम हेतु तत्काल कार्य प्रारम्भ किये जाने के उददेश्य से ई०पी०सी० मोड में कार्य करवाने के लिये सिंचाई विभाग से प्रस्ताव प्राप्त हो गया है तथा उक्त प्रस्ताव में प्रस्तावित एकल स्रोत की संस्था को नामित किये जाने हेतु पत्रावली वित्त विभाग के अनुमोदन हेतु भेजी गयी है। जोशीमठ में आपदा प्रभावित एच०टी०/एल०टी० लाईनों एवं परिर्वतकों को स्थानान्तरित किये जाने हेतु ऊर्जा विभाग को धनराशि रू० 214.43 लाख अवमुक्त की जा रही है।

सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि अभी तक 760 भवनों की संख्या जिनमें दरारें दृष्टिगत हुई है। उन्होनें जानकारी दी कि गाँधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 128 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 145 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये है। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 589 है।

प्रेस वार्ता में अपर सचिव आपदा प्रबन्धन, निदेशक उत्तराखण्ड भूस्खलन प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण संस्थान, प्रभारी अधिकारी पीआईबी, निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून, निदेशक एनआईएच तथा निदेशक आईआईटीआर उपस्थित थे।