न्यूयॉर्क। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने एक अभूतपूर्व अध्ययन में बुढ़ापा और बुढ़ापे से संबंधित बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने कोशिकाओं को युवा अवस्था में पुन: प्रोग्राम करने वाले रसायनों की खोज की है। पहले, यह केवल शक्तिशाली जीन थेरेपी का उपयोग करके ही संभव था। जर्नल एजिंग-यूएस में प्रकाशित निष्कर्ष, इस खोज पर आधारित है कि विशिष्ट जीन की अभिव्यक्ति, जिसे यामानाका कारक कहा जाता है, वयस्क कोशिकाओं को प्रेरित प्लुरिपोटेंट स्टेम सेल (आईपीएससी) में परिवर्तित कर सकती है।
इस खोज ने, जिसने 2012 में नोबेल पुरस्कार जीता, यह सवाल उठाया कि क्या कोशिकाओं को बहुत युवा और कैंसरग्रस्त बनाए बिना सेलुलर उम्र बढऩे को उलटना संभव हो सकता है। नए अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने उन अणुओं की जांच की, जो संयोजन में, कोशिकाओं की उम्र बढऩे की प्रक्रिया को उलट सकते हैं और मानव कोशिकाओं को फिर से जीवंत कर सकते हैं। उन्होंने युवा कोशिकाओं को पुरानी और वृद्ध कोशिकाओं से अलग करने के लिए उच्च-थ्रूपुट सेल-आधारित परख विकसित की, जिसमें ट्रांसक्रिप्शन-आधारित उम्र बढऩे वाली घडिय़ां और एक रियल टाइम न्यूक्लियोसाइटोप्लाज्मिक प्रोटीन कंपार्टमेंटलाइज़ेशन (एनसीसी) परख शामिल है।
रोमांचक खोज में, टीम ने छह रसायनों के मिश्रण की पहचान की जो एनसीसी और जीनोम-वाइड ट्रांसक्रिप्ट प्रोफाइल को युवा अवस्था में पुन: बहाल करते हैं और एक सप्ताह से भी कम समय में ट्रांसक्रिप्टोमिक उम्र को उलट देते हैं।
हार्वर्ड में जेनेटिक्स विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख वैज्ञानिक डेविड ए. सिंक्लेयर ने कहा, हाल ही तक, हम जो सबसे अच्छा काम कर सकते थे, वह धीमी गति से उम्र बढऩा था। नई खोजों से पता चलता है कि अब हम इसे उलट सकते हैं।
उन्होंने कहा, इस प्रक्रिया के लिए पहले जीन थेरेपी की आवश्यकता होती थी, जिससे इसका व्यापक उपयोग सीमित हो गया था। हार्वर्ड के शोधकर्ताओं ने पहले दिखाया था कि कोशिकाओं में विशिष्ट यामानाका जीन को वायरल रूप से पेश करके अनियंत्रित कोशिका वृद्धि के बिना सेलुलर उम्र बढऩे को उलटना वास्तव में संभव है।
ऑप्टिक तंत्रिका, मस्तिष्क ऊतक, गुर्दे और मांसपेशियों पर किए गए अध्ययनों से आशाजनक परिणाम सामने आए हैं। चूहों में बेहतर दृष्टि और विस्तारित जीवनकाल देखा गया है और हाल ही में बंदरों में बेहतर दृष्टि की एक रिपोर्ट आई है।
इस नई खोज के निहितार्थ दूरगामी हैं, जिससे पुनर्योजी चिकित्सा और संभावित रूप से पूरे शरीर के कायाकल्प के रास्ते खुल रहे हैं। जीन थेरेपी के माध्यम से उम्र में बदलाव के लिए एक रासायनिक विकल्प विकसित करके, यह शोध उम्र बढऩे, चोटों और उम्र से संबंधित बीमारियों के उपचार में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है और विकास में कम लागत और कम समयसीमा की संभावना प्रदान करता है।
अप्रैल 2023 में बंदरों में अंधापन को उलटने में सकारात्मक परिणामों के बाद उम्र पलटने वाली जीन थेरेपी के इंसानों पर क्लीनिकल परीक्षणों की तैयारी प्रगति पर है। हार्वर्ड की टीम एक ऐसे भविष्य की कल्पना करती है जहां उम्र से संबंधित बीमारियों का प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सके, चोटों का अधिक कुशलता से उपचार किया जा सके और पूरे शरीर के कायाकल्प का सपना वास्तविकता बन सके।
सिनक्लेयर ने कहा, यह नई खोज एक ही गोली से बुढ़ापे को उलटने की क्षमता प्रदान करती है, जिसमें आंखों की रोशनी में सुधार से लेकर उम्र से संबंधित कई बीमारियों का प्रभावी ढंग से इलाज करने तक के अनुप्रयोग शामिल हैं।
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