December 28, 2024

हिम सन्देश

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राष्ट्रीय प्रेस दिवस : “कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के युग में मीडिया” विषय पर हुई सकारातमक चर्चा

राष्ट्रीय प्रेस दिवस : “कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के युग में मीडिया” विषय पर हुई सकारातमक चर्चा

राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर सहायक निदेशक/जिला सूचना अधिकारी बद्री चन्द्र नेगी द्वारा गणमान्य पत्रकारों की उपस्थिति में जिला सूचना कार्यालय गोष्ठी का आयोजन किया गया

हिम सन्देश, गुरूवार, 16 नवम्बर 2023, देहरादून। भारतीय प्रेस परिषद नई दिल्ली के निर्देशों के क्रम में ‘‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर 16 नवम्बर 2023 को ‘‘कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के युग में मीडिया’’ विषय पर सहायक निदेशक/जिला सूचना अधिकारी बद्री चन्द्र नेगी ने गणमान्य सम्मानित पत्रकारों की उपस्थिति में जिला सूचना कार्यालय गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में उपस्थित पत्रकारगणों ने क्रमवार अपने-अपने विचार रखे।

Positive discussion on the topic "Media in the Age of Artificial Intelligence"

गोष्ठी का शुभारम्भ करते हुए सहायक निदेशक/जिला सूचना अधिकारी बद्री चन्द्र नेगी ने कहा कि आज के इस आधुनिक युग में जहाँ प्रत्येक क्षेत्र में तकनीकि का उपयोग बढ़ा है वहीं पत्रकारिता भी इससे अछूती नहीं रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी तकनीकि का उपयोग मानव जीवन को सरल बनाने के लिए होता है। तकनीकि के अच्छे और बूरे दोनों पहलू होते हैं किन्तु यह हमारे उपयोग पर निर्भर है कि हम तकनीकि को किस रूप में उपयोग करतेे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी यह सोच एवं विचार होना चाहिए कि हम तकनीकि के दुरूपयोग से बचें तथा इसका सदुयोग करते हुए हम संघर्ष को कम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमें किसी भी सूचना के सम्वाहक में काफी मदद देती है, लेकिन इसमें संवेदना/भावना के अभाव के कारण इसके दुरूयोग से नकारा भी नहीं जा सकता है।

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वरिष्ठ पत्रकार हरीश चन्द्र जोशी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि हरीश जोशी ने कहा कि तकनीकि का उपयोग मानव क्षमता को बढ़ाता है वहीं इसके प्रयोग से गोपनीयता भंग होने तथा दुरूपयोग होने की भी प्रबल संभावना रहती है। उन्होंने कहा कि तकनीकि का उपयोग सीखना आवश्यक है, इसके लिए अपने जूनियर जो तकनीकि में दक्ष हैं उनसे भी अद्यतन तकनीक सीखने में किसी प्रकार का संकोच नहीं होना चाहिए।

वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र अग्रवाल ने अपने विचार रखते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में जहाँ सुविधा मिली है वहीं पत्रकारिता की और बड़ी भूमिका हो जाती है। उन्होंने कहा कि तकनीकि का उपयोग प्रत्येक क्षेत्र में किया जाए किन्तु इसका उपयोग सकारात्मक हो। विभाग भी इस तकनीकि को व्यवहारिक रूप से लें इसका उपयोग सलेक्टैड न हो। उन्होंने कहा कि समाचार पत्र के पीडीएफ को भी विभागीय अभिलेखों में देखा जाए, जिस पर जिला सूचना अधिकारी ने इसे उचित स्तर पर रखने की बात कही।

वरिष्ठ पत्रकार घनश्याम चन्द्र जोशी ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का पूर्ण इतिहास बताते हुए कहा कि इसका प्रयोग मानव-श्रम को कम करने तथा डेटा/सूचनाओं को तथ्यात्मक रूप से संकलित/सरंक्षित करने के लिए किया गया है। जहाँ इसके सरकारात्मक पहलू हैं वही इसके नकरात्मक पहलू भी हैं। मीडिया जगत में जहाँ पहले मौके पर जाकर तथ्यात्मक समाचार संकलित होते हैं वहीं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के दौर में खबरों के तथ्यात्मक रहने पर भी प्रश्नचिन्ह लगते हैं, इसलिए इसका उपयोग सतर्कता से करने की आवश्यकता है।

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इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार संजय पाठक ने कहा कि हम वर्तमान युग में तकनीकि पर अधिक निर्भर हो रहे हैं, यह हमारे जीवन को आसन बनाता है तथा आने वाले 20-30 सालों में तकनीकि का ही युग होगा। इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर सजृन होंगे। तकनीकि का उपयोग सावधानी पूर्वक करना आवश्यक है।

वरिष्ठ पत्रकार गोपाल सिंघल ने अपने विचार रखते हुए कहा कि मनुष्य की सोच प्रकृति पर विजय पाने की है किन्तु अत्यधिक तकनीकि का उपयोग तथा प्रकृति से छेड़छाड़ के दुष्परिणाम भी हैं, जिससे बचना जरूरी है। वरिष्ठ पत्रकार चेतन खड़का ने कहा कि पत्रकार को अद्यतन रहना है, सभी क्षेत्रों में कृत्रिम मेधा का उपयोग हो रहा है, इसके सकारात्मक प्रयोग करने की भी आवश्यकता है, जिससे तकनीकि का दुरूपयोग न हो, इसके लिए भी सचेत रहने की भी आवश्यकता है। पत्रकार मौ० शाहनजर ने कहा कि तकनीकि के सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों ही पहलू हैं। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंश की चुनौतियों पर मंथन करने पर बल दिया।

वरिष्ठ पत्रकार सुभाष कुमार ने कहा कि तकनीकि का सदपुयोग किया जाए तो तकनीकि एक वरदान से कम नहीं है, किन्तु हमें अपने आचरण में शुद्धता रखकर इसके दुरूपयोग से बचा जा सकता है। युवा पत्रकार स्वनिल सिन्हा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि आधुनिक पत्रकारिता में तकनीक को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। तकनीकि को साथ लेकर चलना पड़ेगा, किन्तु तकनीक मानव का स्थान लेता जा रहा है जो कि एक सोचनीय विषय है। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार नवीन घिल्डियाल, बिजेन्द्र यादव, संदीप शर्मा, दीपक धीमान, छोटे लाल, मोहन सिंह खालसा आदि पत्रकारगणों ने अपने विचार रखे।

गोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार हरीश जोशी, सुरेन्द्र अग्रवाल, संजय पाठक, गोपाल सिंघल, गिरधर गोपाल लुथरा, आलोक शर्मा, सुभाष नौटियाल, घनश्याम चन्द्र जोशी, नवीन घिल्डियाल, मौ० शाहनजर, चेतन खड़का, रोहित गुप्ता, दीपक धीमान, बिजेन्द्र यादव, स्वपनिल सिन्हा, मोहन सिंह खालसा, धर्मपाल सिंह रावत, संदीप शर्मा, वेद प्रकाश अग्रवाल, रमन जायसवाल, मोहित कुमार, छोटेलाल, जगमोहन सिंह मौर्य आदि पत्रकारगण उपस्थित रहे।