कानपुर। अपने यात्रियों के लिए सफर को रेलवे और आरामदायक बनाने जा रहा है। अगले साल की शुरुआत से दिल्ली से वाराणसी के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस में दो स्लीपर कोच लगाए जाएंगे, जिससे मुसाफिर लेटकर भी यात्रा कर सकें। दरअसल, दोनों स्टेशनों के बीच 758 किमी की दूरी तय करने में करीब आठ घंटे लग जाते हैं। चूंकि अभी इस ट्रेन में केवल चेयरकार है, ऐसे में यात्री थक जाते हैं। इस वजह से यात्रियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को देखते हुए यह व्यवस्था की जा रही है। चेन्नई स्थित रेल कोच फैक्ट्री आईसीएफ में इन कोचों को डिजाइन किया गया है। यह लग्जरी कोच हैं, जिन्हें होटल के रूम जैसा बनाया गया है। यात्रियों की सहूलियत को लेकर रेलवे ने सर्वे कराया था। इसमें यह बात सामने आई कि दिल्ली से कानपुर तक तो कई प्रीमियम चेयरकार ट्रेनें हैं।
मसलन रिवर्स शताब्दी, स्वर्ण शताब्दी और तेजस एक्सप्रेस चेयरकार हैं। ये ट्रेनें लखनऊ तक जाती हैं। जबकि वंदे भारत एक्सप्रेस दिल्ली वाया कानपुर से प्रयागराज होते हुए वाराणसी जाती है। यह दूरी 758 किमी है। ऐसे में कानपुर तक यात्रियों को चेयरकार की जरूरत नहीं है, क्योंकि वंदे भारत सुबह छह बजे चलकर 10:08 बजे पहुंचा देती है। वाराणसी यह ट्रेन दोपहर दो बजे पहुंचती है। ऐसे में यात्री बैठे-बैठे थक जाते हैं। स्लीपर का किराया एग्जिक्यूटिव क्लास के बराबर रखने की तैयारी है। इसका टिकट एसी चेयरकार से महंगा होगा लेकिन एग्जिक्यूटिव चेयरकार के लगभग बराबर होगा। नई दिल्ली से वाराणसी तक का एसी चेयरकार का किराया 1805 रुपये और एग्जिक्यूटिव क्लास का किराया 3335 रुपये है। कानपुर तक चेयरकार का किराया 1115 और एग्जिक्यूटिव का 2130 रुपये है।
वंदे भारत एक्सप्रेस के स्लीपर कोच को होटल के रूम जैसा बनाया गया है। लग्जरी कोच में गद्देदार सीटें, चढ़ने उतरने के लिए छोटी सीढ़ियां और काफी जगह है। इसमें एसी सेकेंड की तरह ऊपर-नीचे दो ही स्लीपर सीटें होंगी। रीडिंग लैंप, चार्जिंग प्वाइंट, हर सीट पर एसी की विंडो जैसी बुनियादी सुविधाएं हाईटेक तरीके से दी गई हैं। इसमें हर कोच में तीन टॉयलेट होंगे और पेंट्रीकार की व्यवस्था होगी।
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