December 25, 2024

हिम सन्देश

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नए अंदाज का राजुला मालूशाही गीत, कमाल की जुगलबंदी

नए अंदाज का राजुला मालूशाही गीत, कमाल की जुगलबंदी

प्रियंका महर की नई और कमला देवी की पुरानी आवाज का मिला जुला प्रभाव

देहरादून। उत्तराखंड के लोक जीवन में तमाम प्रेम कहानियां बिखरी पड़ी हैं। इन्हें हम वर्षों से सुनते आ रहे हैं। लोक जीवन में ये कहानियां हैं, तो जाहिर तौर पर लोक संगीत में भी इनकी प्रभावी उपस्थिति देेखने कोे मिलती है। राजुला मालूशाही की प्रेम कहानी को समय-समय पर लोक कलाकारों ने अपने-अपने ढंग और अपने-अपने अंदाज में पेश किया है। ये सिलसिला आज भी जारी है। अब प्रियंका महर एक नए अंदाज में राजुला मालूशाही की प्रेम कहानी को सामने लाई है। प्रियंका मेहर के आॅफिसियल यूट्यूब चैनल पर राजुला मालूशाही के गीत की खासियत यह है कि यह नई और पुरानी पीढ़ी की आवाजों का संगम है।

इस गीत में एक तरफ प्रियंका मेहर की दमदार नई आवाज है, तो दूसरी तरफ कमला देवी की वो पुरानी लोक आवाज, जो सुनने वाले के दिल में गहरा प्रभाव छोड़ती है। कमला देवी वर्षों से अपने अंदाज में राजुला मालूशाही की प्रेम कथा कहती आ रही हैं, लेकिन आधुनिक संगीत के साथ लोक संगीत को जोड़ते हुए प्रियंका महर ने उन्हें जो अवसर उपलब्ध कराया है, वह एकदम अलग है। उत्तराखंडी संगीत में घुस आए डीजे सांग युग में यह गीत सुनना वाकयी अच्छा लगता है।

राजुला मालूशाही का गीत और उसकी धुन पारंपरिक है, लेकिन इसमें प्रदीप रावत खुदेड़ और विवेक नौटियाल ने कुछ लाइनें अलग से जोड़ दी हैं। यह लाइनें हिंदी में हैं, जिन्हें प्रियंका मेहर ने गाया है, जबकि पारंपरिक कुमाऊंनी बोल कमला देवी की आवाज में ही हैं। इस तरह के प्रयोग के पीछे का मकसद समझा जा सकता है। दरअसल, ये इस गाने के साथ नई पीढ़ी को कनेक्ट करने की कोशिश है। दीपक मेहर और विवेक नौटियाल ने गाने को कंपोज करते हुए भरपूर मेहनत की है और नए जमाने के मूड का पूरा ध्यान रखा है।

प्रियंका महर अपनी संगीत यात्रा में इस तरह के प्रयोग अक्सर कर रही है, जिसमें लोक और आधुनिक संगीत दोनों ही नजर आए। हालांकि संगीत प्रेमियों का एक वर्ग लोक संगीत के साथ किसी तरह के प्रयोग के पक्ष में नहीं है। प्रियंका मेहर के तौर तरीकों पर भी वे सवाल उठाते हैं, लेकिन देखा जाए, तो वह नई पीढ़ी को अपने ही अंदाज में लोक संगीत से परिचित करा रही हैं। कमला देवी जैसी लोक गायिका के साथ राजुला मालूशाही के इस गीत का हमें स्वागत करना चाहिए। कम से कम प्रियंका महर की इस कोशिश के चलते उस नई पीढ़ी को राजुला मालूशाही के बारे में कुछ तो पता चलेगा, जो कि पहाड़ी लोेक जीवन, लोक संस्कृति और लोक संगीत से दूर है। इस गीत से संबंधित विस्तृत और दिलचस्प जानकारी के लिए धुन पहाड़ की यू ट्यूब चैनल के ताजा वीडियो को देखना न भूलें।