December 23, 2024

हिम सन्देश

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दुनिया के सभी देशों की माइनॉरिटी को पारसी समुदाय से सीखना चाहिए- अमित शाह

दुनिया के सभी देशों की माइनॉरिटी को पारसी समुदाय से सीखना चाहिए- अमित शाह

मुंबई। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में एशिया के सबसे पुराने समाचार पत्र मुंबई समाचार की डॉक्यूमेंट्री ‘200 नॉट आउट’ का विमोचन किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में अमित शाह ने मुंबई समाचार की तारीफ करते हुए कहा कि एक स्थानीय अखबार को दो शताब्दियों तक चलाना बहुत कठिन होता है। उन्होंने कहा कि मुंबई समाचार ने पत्रकारिता में विश्वसनीयता की मिसाल कायम की है।

पारसी समुदाय का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा, “दुनिया के सभी देशों की माइनॉरिटी को पारसी समुदाय से सीखना चाहिए।” उन्होंने पारसी समुदाय को माइनॉरिटी में भी सबसे छोटी माइनॉरिटी बताते हुए कहा कि वे हमेशा अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित रहे हैं और बिना किसी मांग के हर क्षेत्र में योगदान दिया है। उन्होंने कानून, उद्योग, फिनटेक, और आईटी क्षेत्र में पारसी समुदाय के योगदान की सराहना की।

अमित शाह ने भारतीय भाषाओं और संस्कृति के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई शिक्षा नीति के तहत प्राथमिक शिक्षा को मातृभाषा में अनिवार्य किया गया है। उन्होंने सभी से अपील की कि वे घर में अपनी भाषा का प्रयोग करें ताकि अगली पीढ़ी इसे सीख सके और आगे बढ़ा सके।

इस अवसर पर मुंबई समाचार की ऐतिहासिक भूमिका की भी चर्चा की गई, जिसमें अखबार ने 1857 की क्रांति से लेकर आज़ादी के 75 साल तक की महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर किया है।  शाह ने अखबार की सराहना करते हुए कहा कि इतने लंबे समय तक बिना मुनाफे की चिंता किए अखबार ने पत्रकारिता के धर्म को निभाया है।

कार्यक्रम में शाह ने भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और वैश्विक स्तर पर बढ़ती प्रतिष्ठा का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।

अमित शाह ने इस कार्यक्रम को एक महत्वपूर्ण क्षण बताते हुए कहा कि यह डॉक्यूमेंट्री भारत की सांस्कृतिक और भाषाई धरोहर को आगे बढ़ाने का एक प्रयास है, जिसे देशभर में हिंदी और अंग्रेजी में प्रसारित किया जाना चाहिए।