देहरादून। 14 वर्ष की नाबालिग किशोरी को भगाकर दुष्कर्म करने के आरोपित को दोषी पाते हुए फास्ट ट्रैक पोक्सो कोर्ट ने 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है। जज अर्चना सागर ने सजा के आदेश की एक प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भेजने और प्राधिकरण की ओर से पीड़िता को एक लाख रुपये का प्रतिकर सरकारी कोष से दिलाए जाने के भी आदेश दिए हैं। दरअसल, नौ दिसंबर 2020 को नेहरू कालोनी थाने में एक व्यक्ति ने 14 वर्षीय नाबालिग पुत्री की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बताया कि नौ दिसंबर को उनकी बेटी बिना बताए कहीं चली गई।
पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर जांच शुरू की तो पता चला कि नाबालिग को एक युवक बहला-फुसलाकर मेरठ ले गया है। जिस पर 15 दिसंबर 2020 को शाम सवा छह बजे भीमकुंड तिराहा हस्तिनापुर मेरठ से किशोरी को बरामद कर लिया गया। साथ ही उसे भगाने वाले शरण पाल निवासी भीमकुंड को भी गिरफ्तार कर लिया गया। किशोरी को भगा ले जाने से पहले आरोपित पीड़िता के घर के पास रहता था।
जांच में किशोरी को मेरठ लेजाकर दुष्कर्म की बात भी सामने आई। पुलिस ने 16 दिसंबर 2020 को आरोपित के विरुद्ध दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया। कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने के बाद सुनवाई की गई। पोक्सो कोर्ट जज अर्चना सागर ने पीड़िता के बयानों और गवाहों के आधार पर शरणपाल को दोषी करार देते हुए दुष्कर्म की धाराओं में 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा कुल 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी आरोपित किया है।
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