देहरादून: उत्तराखंड के हर जिले में जिला दिव्यांगता पुनर्वास केंद्र (डीडीआरसी) खुलेंगे। केंद्र सरकार ने इस सिलसिले में राज्य से प्रस्ताव मांगे हैं। राज्य के दौरे पर आई केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने ‘दैनिक जागरण’ से बातचीत में यह जानकारी साझा की।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी डीडीआरसी के बारे में चर्चा हुई है। राज्य सरकार जल्द ही मंत्रालय को प्रस्ताव भेजेगी। इसके बाद प्राथमिकता के आधार पर इन केंद्रों की स्थापना के लिए धनराशि जारी की जाएगी।
केंद्रीय राज्य मंत्री भौमिक ने कहा कि केंद्र सरकार की प्राथमिकता है कि हर जिले में डीडीआरसी हो। यह दिव्यांगजनों के लिए अस्पताल जैसी व्यवस्था है। इसकी स्थापना को केंद्र सरकार 28 लाख रुपये की राशि देती है, जबकि पांच लाख प्रशासनिक मद में दिए जाते हैं। इसके अलावा उपकरण खरीदने को एक बार में 20 लाख रुपये दिए जाते हैं। इन केंद्रों के लिए भूमि की व्यवस्था का दायित्व राज्य सरकार का है। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक जिले के जिलाधिकारी को इसके लिए आगे आकर डीडीआरसी की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
छात्रावास के प्रस्तावों पर भी करेंगे विचार
भौमिक ने कहा कि पूर्वाेत्तर समेत हिमालयी क्षेत्र के राज्यों के लिए केंद्र सरकार ने कुछ अलग प्रविधान किए हैं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत इन राज्यों में अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास देने की व्यवस्था है। इसमें शत-प्रतिशत मदद केंद्र सरकार करती है। यदि उत्तराखंड से इसके प्रस्ताव आते हैं तो इन पर विचार किया जाएगा।
हल्द्वानी क्षेत्र में बने सीआरसी
समग्र क्षेत्रीय केंद्र (सीआरसी) का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ये केंद्र उन व्यक्तियों को सशक्त बनाते हैं, जो जीवन में अस्थिरता से पीडि़त हैं। उत्तराखंड में यह केंद्र हल्द्वानी क्षेत्र में बनना चाहिए। इसके लिए पांच एकड़ भूमि की जरूरत है। यह भी राज्य स्तर के अस्पताल जैसा ही होता है। वरिष्ठजन और दिव्यांगजन इसका लाभ उठा सकते हैं।
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