December 23, 2024

हिम सन्देश

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क्या आपके भी बाल गुच्छों में झड़ रहे हैं? बारिश नहीं, कहीं ये एलोपेसिया की वजह से तो नहीं है?

क्या आपके भी बाल गुच्छों में झड़ रहे हैं? बारिश नहीं, कहीं ये एलोपेसिया की वजह से तो नहीं है?

बालों का झडऩा एक बहुत ही कॉमन सी समस्या है। ये आपके हमारे या दुनिया के हर व्यक्ति के साथ होता है। लेकिन जरूरत से ज्यादा बाल झडऩा चिंता का विषय है। कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जिनके बाल गुच्छों में झड़ते हैं। कंघी करने पर बाल का एक मोटा हिस्सा हाथ में आ जाता है। और ऐसे करके सिर से बाल गायब हो जाते हैं। गंजेपन जैसे पैच बन जाते हैं. दरअसल ये एक बीमारी है इस बीमारी को मेडिकल भाषा में एलोपेसिया अरेटा कहते हैं। आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में विस्तार से।

क्या है एलोपेसिया एरीटा?
एलोपेसिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपके बाल पैच में झड़ते हैं। ये कंडीशन तब होता है जब आपकी प्रतीक्षा प्रणाली बालों के रोम पर अटैक करती है। ये किसी के साथ भी हो सकता है.किसी भी लिंग उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। इस समस्या में सिर्फ सिर के बाल ही नहीं बल्कि आइब्रो,पलकें और दाढ़ी के बाल भी प्रभावित हो सकते हैं.पुरुषों में अक्सर बाल किनारे और सामने की ओर से गिरते हैं. महिलाओं के बाल सिर के बीच वाले भाग से झडऩे लगते हैं। महिलाएं तो पूरी तरह से गंजी नहीं होती हैं। लेकिन पुरुष पूरी तरह से गंजे हो जाते हैं।

इस वजह से झडऩे लगते हैं बाल
ये एक ऑटोइम्यून प्रक्रिया है. इसमें प्रतिरक्षा प्रणाली वायरस और बैक्टीरिया से निपटनते वक्त गलती से आपके बालों के रोम पर हमला कर देते हैं। इससे बालों का विकास नहीं हो पाता है और बाल बनना बंद हो जाते हैं और इससे बाल झडऩे लगते हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती है। लेकिन ये जेनेटिक्स हो सकती है। अगर आपके परिवार में जैसे आपके पिता, भाई, बहन को ये समस्या है तो आगे इसके होने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ सकती है।

एलोपेसिया के लक्षण
1.एलोपेसिया में बाल झडऩे पर सिर पर गोल-गोल पैच दिखाई देने लगते हैं।
2.जब व्यक्ति सोकर सुबह उठता है तो उसके तकिए पर झड़े हुए बाल देखते हैं।
3.कई बार शरीर के बाल आइब्रो और दाढ़ी के बाल झडऩे लगते हैं।

क्या है इसका इलाज
एलोपेसिया का वैसे तो कोई इलाज नहीं है लेकिन स्टेरॉइड इंजेक्शन से इसे रोका जा सकता है। इस प्रोसेस को 1 से 2 महीने में दोहराया जाता है। इस समस्या से पीडि़त लोगों का लेजर और लाइट थेरेपी से भी इलाज किया जाता है। वहीं कुछ नेचुरल ट्रीटमेंट जैसे प्याज का रस लगाना, नारियल का दूध लगाना, लैवेंडर के तेल से मालिश करना भी शामिल है।