नई दिल्ली। कोरोना का नया वैरिएंट जेएन.1 चिंता का सबब बना हुआ है। विदेशों के साथ-साथ देश में भी इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं। मंगलवार को केरल में 115 नए कोरोना केस सामने आए। इस तरह केरल में कुल ऐक्टिव केसेज की संख्या करीब 1800 पहुंच चुकी है। कोरोना के नए स्वरूप को लेकर लोगों के मन में तरह-तरह के सवाल भी उठ रहे हैं। लोगों को यह चिंता सता रही है कि यह वैरिएंट विभिन्न उम्र वर्ग के लिए कितना घातक होगा? एक्सपर्ट्स ने इन सवालों के जवाब दिए हैं
पहले से बीमार हैं तो रहें सतर्क
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक लोगों में जेएन1 वैरिएंट को लेकर इम्यूनिटी डेवलप नहीं हो जाती, केसेज में इजाफा दिखता रहेगा। इसके लक्षणों की बात करें ठंड लगना, इंफ्लुएंजा जैसा असर, थकान, शरीर में दर्द और गले में तकलीफ है। विशेषज्ञों ने दावा किया है कि कम उम्र के लोगों में तो इसका असर बहुत ज्यादा नहीं होगा। लेकिन अधिक उम्र के लोगों के लिए यह मुश्किल खड़ी कर सकता है। खासतौर पर जिन लोगों पहले से कोई बीमारी है, उनके लिए यह ज्यादा रिस्की हो सकता है।
अब तब 38 देशों तक फैला
गौरतलब है कि केरल में सबसे पहले एक महिला में यह वैरिएंट पाया गया था। इसके बाद यहां पर अचानक से कोरोना के केसेज में उछाल देखने को मिला है। इसके बाद पड़ोसी राज्य तमिलनाडु में लोगों को अलर्ट रहने की ताकीद कर दी गई है। इतना ही नहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इसको लेकर एडवाइजरी जारी की है। जिसमें विभिन्न राज्यों से सतर्कता और जांच को लेकर ऐक्टिव रहने के लिए कहा गया है। बता दें कि सबसे पहले लग्जमबर्ग में पाए जाने के बाद जेएन.1 अब तक दुनिया के 38 देशों तक पांव पसार चुका है।
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