देहरादून। प्रदेशभर में क्षतिग्रस्त और उम्र पूरी कर चुके पुलों की सेहत सुधारी जाएगी या उन्हें बदला जाएगा। विश्व बैंक वित्त पोषित यू-प्रीपेयर परियोजना के तहत ऐसे 64 पुलों के लिए शासन ने 264 करोड़ 69 लाख 52 हजार रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। वहीं, लोनिवि ने शासन को 74 पुलों के लिए 622.18 करोड़ रुपये (अनुमानित लागत) का एस्टीमेट सौंपा है। राज्य में आपदा प्रबंधन न्यूनीकरण के तहत प्रदेश सरकार कई मोर्चों पर काम कर रही है। इसके लिए विश्व बैंक की मदद से पहले फेज में उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी प्रोजेक्ट (यूडीआरपी) के तहत कई कामों को पूरा किया जा चुका है और कुछ परियोजनाओं पर काम चल रहा है, जबकि दूसरे फेज में यू-प्रीपेयर प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इसी के तहत पुलों की सेहत सुधारने का यह प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इसमें उन पुलों को भी शामिल किया गया है, जिन्हें दिसंबर 2022 में शासन की ओर से कराए गए सेफ्टी ऑडिट में खतरनाक घोषित कर दिया गया था।
विश्व बैंक वित्त पोषित इस परियोजना को अगले पांच साल में पूरा किया जाना है। पिछले दिनों मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु की अध्यक्षता में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) ने परियोजना को हरी झंडी दे दी थी। परियोजना के तहत क्षतिग्रस्त पुलों का सुधार, नए पुलों का निर्माण और मिसिंग लिंक ब्रिज का निर्माण किया जाना है। आपदा में टूट गए पुलों को परियोजना में प्राथमिकता में लिया गया है। अब तक नौ पुलों के टेंडर जारी हो चुके, जबकि 28 के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। इसके अलावा अन्य पुलों के लिए कंस्लटेंट की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है।
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