नई दिल्ली। किसानों ने घोषणा की थी कि वे बुधवार 21 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च करेंगे। फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए उनके ‘दिल्ली चलो’ मार्च को सुरक्षा बलों की तरफ से रोक दिए जाने के बाद प्रदर्शनकारी किसान हरियाणा के साथ पंजाब की सीमा पर शंभू और खनौरी बिंदुओं पर रुके हुए हैं। सरकार ने अनुमान लगाया है कि 1,200 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों, 300 कारों, 10 मिनी बसों के साथ-साथ छोटे वाहनों के साथ लगभग 14 हजार लोग पंजाब-हरियाणा सीमा पर एकत्र हुए हैं।
SP अर्पित जैन ने कहा, “हमने दिल्ली बॉर्डर पर कुल 10 कंपनियों को तैनात किया है… हम हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं… लोगों से अपील है कि वे ट्रैफिक ऐडवाइजरी का पालन करें।” केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने ट्वीट किया, ‘चौथे दौर के बाद सरकार पांचवें दौर में एमएसपी, फसल विविधीकरण, पराली मुद्दा, एफआईआर जैसे सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। मैं फिर से किसान नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रित करता हूं।यह महत्वपूर्ण है हमें शांति बनाए रखनी है।’
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है कि हमने सरकार से कहा है कि आप हमें मार सकते हैं लेकिन कृपया किसानों पर अत्याचार न करें। हम प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हैं कि वह आगे आएं और कानून की घोषणा करके इस विरोध को समाप्त करें। देश ऐसी सरकार को माफ नहीं करेगा। हरियाणा के गांवों में अर्धसैनिक बल तैनात हैं। हमने क्या अपराध किया है? हमने आपको प्रधानमंत्री बनाया है। हमने कभी नहीं सोचा था कि सेनाएं हम पर इस तरह से अत्याचार करेंगी।
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