देहरादून। अब इसे पुलिस की लापरवाह कार्यशैली कहें या फिर नाकामी। त्योहारी सीजन में कोई यातायात प्लान न बनाने के कारण शनिवार को सुबह से रात तक पूरे शहर में यातायात थमा रहा। दशहरा पर तीन दिन की लगातार छुट्टी के कारण उमड़ी पर्यटकों की भीड़ व महाअष्टमी पर शहर में खरीदारी करने उमड़े लोगों के कारण सुबह से ही मुख्य मार्गों पर यातायात जाम होने लगा था, लेकिन शाम होते-होते स्थिति और विकराल हो गई।
शहर का कोई मार्ग ऐसा नहीं बचा, जहां वाहन जाम में न फंसे हों और हजारों वाहनों की कतार न लगी हो। रही-सही कसर विभिन्न शैक्षिक संस्थानों व संस्थाओं की ओर से आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने पूरी कर दी। रात तक शहर में वाहनों का पहिया रेंग-रेंगकर चलता रहा।
दशहरा पर्व मनाने देहरादून आने व यहां से जाने वाले सैलानियों के वाहनों को नियंत्रित करने का कोई प्लान नहीं होने से शनिवार को पूरा शहर जाम की भेंट चढ़ गया। शाम को स्थिति अनियंत्रित होने पर भले ही शहर के अंदरूनी मार्गों पर लगे जाम को नियंत्रित करने पुलिस बल अपनी सुस्ती तोड़कर सड़क पर उतर गया, लेकिन शहर के मुख्य मार्ग व राजमार्ग पूरी तरह पैक रहे।
घंटों जाम के चलते लोग परेशान
पटेलनगर लालपुल-कारगी मार्ग, जीएमएस मार्ग, सहारनपुर मार्ग, आढ़त बाजार, चकराता मार्ग, राजपुर मार्ग से लेकर धर्मपुर, आराघर में लंबा जाम लगा रहा। कारगी मार्ग पर तो शाम चार बजे से लगा जाम शाम सात बजे तक भी नहीं खुला। लोग तीन से चार घंटे तक जाम में ही फंसे रहे, लेकिन पुलिस ने कोई सुध नहीं ली। परेशान लोग खुद ही जाम खुलवाने का प्रयास करते रहे, मगर वाहनों की कतार बढ़ने से उनके प्रयास विफल हो गए।
शहर में जब स्थिति विकट हुई तो पुलिस चाक-चौराहों पर उतरी, लेकिन तब तक स्थिति खराब हो चुकी थी। हर सड़क वाहनों से पैक व जाम ही जाम चारों तरफ। पुलिस इसे सुलझाने में जुट गई और भूल गई कि राजमार्ग पर क्या स्थिति है। पुलिस की इसी नादानी के चलते शहर के सभी राजमार्ग भारी यातायात जाम की चपेट में आ गए।
यातायात का पहिया थमा
हरिद्वार बाइपास और दून-पांवटा राजमार्ग से लेकर सहारनपुर रोड व मसूरी रोड पर यातायात का पहिया थम गया। हैरानी वाली बात तो यह है कि जाम की सूचना लोग पुलिस कंट्रोल रूम पर देते रहे और अधिकारियों के मोबाइल भी घनघनाते रहे, लेकिन पुलिस ने कोई ध्यान नहीं दिया।
जाम के कारण कारगी चौक से लालपुल तक आने में डेढ़ से दो घंटे का समय लगा, जबकि सामान्य दिनों में यह दूरी महज दस मिनट में तय कर ली जाती है। वहीं, लोग पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाते रहे। उनका आरोप रहा कि शहर में यातायात व्यवस्था पर पुलिस का कोई ध्यान नहीं है।
स्थानीय लोगों ने भी झेली मुसीबत
जो व्यक्ति अन्य राज्यों से दून आ रहे थे या बाईपास रोड के माध्यम से अन्य क्षेत्रों में जा रहे थे, सिर्फ वही जाम में नहीं फंसे। जाम में परेशान रहने वालों में बड़ी संख्या स्थानीय नागरिकों की भी रही। दरअसल, शहर की बड़ी आबादी बाईपास रोड से सटे बंजारावाला, मोथरोवाला, कारगी, सरस्वती विहार, बंगाली कोठी, टर्नर रोड आदि क्षेत्रों में रहती है। शहर के मुख्य हिस्सों के बीच आवागमन के लिए बाईपास बड़ा जरिया है। शनिवार शाम को जिस किसी ने भी यहां से आवागमन किया, उन्हें भारी परेशानी झेलनी पड़ी।
आइएसबीटी के बाहर सर्विस लेन बंद होने के कारण पूरा यातायात फ्लाईओवर पर परिवर्तित कर दिया गया। जिसके कारण शाम से रात तक आइएसबीटी के बाहर से लेकर हरिद्वार बाईपास व सहारनपुर रोड पर वाहन जाम में फंसे रहे।पुलिस अधीक्षक यातायात सर्वेश पंवार के मुताबिक, नवरात्र पर खरीदारी के लिए लोग बड़ी संख्या में शाम को बाजार निकले, जिसके कारण शहर में कुछ मार्गों पर यातायात दबाव की स्थिति बन गई थी और जाम लगा। जाम खुलवाने को यातायात पुलिस सुबह से रात तक के लिए सड़कों पर तैनात की गई है।
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