प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस और गांधी परिवार पर संविधान को कमजोर करने का लगाया आरोप
इंदिरा गांधी ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए आपातकाल लागू किया और संविधान का घोंट दिया गला – प्रधानमंत्री
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार शाम को लोकसभा में संविधान पर चर्चा का जवाब देते हुए अपने भाषण में कांग्रेस और गांधी परिवार पर जमकर हमला बोला। अब प्रधानमंत्री के भाषण पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी भी शुरू हो गई हैं। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने लोकसभा में दिए अपने भाषण में गांधी परिवार पर संविधान को कमजोर करने और राजनीतिक हित के लिए बार-बार संविधान में संशोधन करने का आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पंडित नेहरू ने 1951 में मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर संविधान हमारे रास्ते में आ जाए तो उसे बदल दिया जाए। पीएम मोदी ने पंडित नेहरू पर अभिव्यक्ति की आजादी छीनने का आरोप लगाया और कहा कि “संविधान संशोधन का ऐसा खून कांग्रेस के मुंह पर गया कि वह बार-बार इसके शिकार होती रही।” उन्होंने यह भी कहा कि पंडित नेहरू ने जो बीज बोया था, उसे खाद पानी देने का काम इंदिरा गांधी ने किया। 1971 में सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला आया और संविधान में संशोधन करके इसे पलट दिया गया था, जिससे अदालत के सारे अधिकारों को छीन लिया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इंदिरा गांधी ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए आपातकाल लागू किया और संविधान का गला घोंट दिया। उन्होंने संविधान के 39वें संशोधन को भी रेखांकित किया, जो संविधान में किए गए महत्वपूर्ण बदलावों में से एक था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राजीव गांधी ने संविधान को एक और गंभीर झटका दिया और समानता के भाव को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने आरोप लगाया कि राजीव गांधी ने वोटबैंक की राजनीति के लिए संविधान की भावना को बलि चढ़ाया और कट्टरपंथियों के सामने झुक गए।
प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने राहुल गांधी को ‘अहंकारी’ बताते हुए कहा, “एक अहंकारी व्यक्ति ने कैबिनेट के फैसले को फाड़ दिया और कैबिनेट ने अपना फैसला बदल दिया। यह कौन-सी व्यवस्था है?” उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने निरंतर संविधान की अवमानना की है और इसके महत्व को कम किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कांग्रेस द्वारा संविधान के साथ किए गए अनेक संशोधनों और बदलावों को विस्तार से बताया और यह भी कहा कि कांग्रेस ने हमेशा संविधान की गरिमा को ठेस पहुंचाने का काम किया। उन्होंने संविधान की असल भावना और इसके महत्व को उजागर करते हुए देशवासियों को लोकतंत्र की ताकत का एहसास दिलाया।
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