December 23, 2024

हिम सन्देश

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सीएम धामी ने बालगंगा-बूढ़ाकेदार क्षेत्र के प्रभावितों के विस्थापन की प्रक्रिया जल्द शुरू करने के दिए निर्देश 

सीएम धामी ने बालगंगा-बूढ़ाकेदार क्षेत्र के प्रभावितों के विस्थापन की प्रक्रिया जल्द शुरू करने के दिए निर्देश 

राहत एवं बचाव कार्यों के लिए धनराशि की कमी नहीं- सीएम धामी

मुख्यमंत्री ने आपदा कंट्रोल रूम से की हालात की समीक्षा

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को आईटी पार्क स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र से प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही अतिवृष्टि की जानकारी ली। उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन को निर्देश दिए कि जिलाधिकारियों से निरंतर समन्वय बनाए रखें। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि के कारण राहत एवं बचाव कार्यों के लिए जिलाधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार की सहायता मांगे जाने पर यथाशीघ्र उपलब्ध कराया जाय।

उन्होंने बालगंगा एवं बूढ़ाकेदार क्षेत्र के प्रभावित गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया को भी शीघ्र से शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से राहत एवं बचाव कार्यों के लिए सभी जनपदों को इस वित्तीय वर्ष में अभी तक कुल 315 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई जा चुकी है। आवश्यकता पड़ने पर जनपदों को और भी धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जिलाधिकारी हरिद्वार, टिहरी, देहरादून, चमोली, नैनीताल, अल्मोड़ा और उत्तरकाशी से बारिश की स्थिति, जानमाल के नुकसान, जलभराव की स्थिति, सड़कों, पुलों, पेयजल और विद्युत की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि अगले 24 घण्टे सभी अधिकारियों को अलर्ट मोड में रखें। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अतिवृष्टि के कारण सड़कें बाधित होने की स्थिति में उनको सुचारू करने में कम से कम समय लिया जाए। उन्होंने पुल टूटने पर बैली ब्रिज बनाकर जल्द से जल्द आवागमन को सुचारू किए जाने के भी निर्देश दिए। साथ ही पेयजल और विद्युत की आपूर्ति बाधित होने पर उसे तत्परता के साथ सुचारु करने को कहा।

इस अवसर पर उपाध्यक्ष राज्य सलाहकार समिति आपदा प्रबंधन विनय कुमार रूहेला, सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद ओबैदुल्लाह अंसारी कंट्रोल रूम के दिवस प्रभारी डीडी डालाकोटी, मनीष भगत, पूजा राणा, वेदिका पंत, रोहित कुमार, हेमंत बिष्ट, जेसिका टेरोन आदि विशेषज्ञ मौजूद थे।

यात्रियों को न हो किसी प्रकार की समस्या

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने जिलाधिकारियों को चारधाम यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि के कारण यदि कहीं पर मार्ग बाधित होते हैं या आगे कोई खतरा प्रतीत होता है तो यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक लिया जाए और जब स्थिति सामान्य हो तब उन्हें आगे रवाना किया जाए।

राहत शिविरों में हों पर्याप्त सुविधाएं
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारी टिहरी से राजकीय इंटर कॉलेज विनकखाल में बने राहत शिविर में रह रहे परिवारों का हालचाल पूछा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाया जाए और उनके रहने तथा खाने की पर्याप्त व्यवस्थाएं रखी जाएं। सुरक्षित स्थानों पर लाए जा रहे बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती माताओं के लिए दवाइयों तथा अन्य आवश्यक सामग्रियों की समुचित व्यवस्था करने के भी निर्देश मा0 मुख्यमंत्री ने दिए।

जल्द से जल्द क्षति का आकलन कर सहायता राशि दें
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अतिवृष्टि से प्रभावित परिवारों को अनुमन्य सहायता राशि जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जाए। साथ ही फसलों और मवेशियों की क्षति का आकलन कर जो भी सहायता दी जानी है, वह भी तत्काल प्रभावित लोगों को दी जाए। उन्होंने कहा कि सहायता राशि बांटने में किसी प्रकार का विलंब न किया जाए।

जब बारिश हो, तब सुरक्षित स्थान पर रुक जाएं यात्री- विनोद कुमार सुमन
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने आम जनता से मौसम विभाग द्वारा जारी एलर्ट को गंभीरता से लेने और स्वयं भी एहतियात बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जब नदी-नाले उफान में हों उस समय उन्हें पार करने की कोशिश न करें। उन्होंने चारधाम यात्रियों से भी अपील की है कि जब बारिश हो रही हो, उस समय कहीं सुरक्षित स्थान पर रुक जाएं और जब बारिश रुक जाए जब आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि मानसून में पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और पत्थर गिरने की घटनाएं घटित होती हैं, लिहाजा बहुत एहतियात के साथ वाहन चलाएं।