गोरखपुर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिवसीय दौरे पर बुधवार यानी आज दोपहर बाद गोरखपुर आएंगे। वह भटहट के पिपरी में बन रहे प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय में ओपीडी सेवा का शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री गुरुवार को लखनऊ के लिए रवाना होंगे। दिन में करीब सवा दो बजे पिपरी में ओपीडी का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री मानीराम सिक्टौर स्थित महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय जाएंगे। रात्रि विश्राम गोरखनाथ मंदिर में करेंगे। गुरुवार की दोपहर क्षेत्रीय क्रीड़ांगन में आयोजित सांसद खेलकूद प्रतियोगिता में उपस्थित रहेंगे। जीडीए की सफाई व्यवस्था में शामिल वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे ।
मुख्यमंत्री योगी आज करेंगे आयुष विवि में ओपीडी का शुभारंभ
पूर्वांचल का मेडिकल हब बन रहे गोरखपुर में आज नया इतिहास रचा जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की ओपीडी का शुभारंभ करेंगे। इस ओपीडी में आयुर्वेद के साथ ही होम्योपैथ और यूनानी जैसी हानिरहित चिकित्सा पद्धतियों के चिकित्सक एक रुपये की पर्ची पर रोगी का परामर्श देंगे। परामर्श के बाद रोगियों को सभी जरूरी दवाएं मुफ्त दी जाएंगी। तीस लाख रुपये की दवाएं खरीदी जा चुकी हैं। ओपीडी का लाभ पूर्वांचल के साथ ही बिहार और नेपाल के भी रोगियों को मिलेगा।
कोई साइड इफेक्ट नहीं
योगी सरकार विश्व की सबसे पुरातन भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद, होम्योपैथ और यूनानी को बढ़ावा दे रही है। इस पैथी का कोई साइड इफेक्ट न होने से लोगों में इसे लेकर भरोसा ज्यादा है। आयुष (आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा, होम्योपैथ) को प्रोत्साहित करने तथा इनका लाभ लोगों तक बड़े पैमाने पर पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर भटहट के पिपरी में पहले आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। 50 एकड़ में तीन सौ करोड़ रुपये की लागत से विश्वविद्यालय बन रहा है।
राष्ट्रपति ने किया था शिलान्यास
आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने किया था। निर्माणाधीन इस विश्वविद्यालय से प्रदेश भर के सभी आयुष कालेज संबद्ध कर दिए गए हैं। आगामी कुछ माह में यह विश्वविद्यालय पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा।
जल्द शुरू होगी प्राकृतिक चिकित्सा व योग की ओपीडी
आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके सिंह ने बताया कि पहले चरण में आयुर्वेद में चार, यूनानी व होम्योपैथ के एक-एक डाक्टर रोगियों का परीक्षण कर परामर्श देंगे। दूसरे चरण में प्राकृतिक चिकित्सा और योग की ओपीडी भी शुरू की जाएगी।
रोगियों को फायदा, किसान भी होंगे समृद्ध
आयुष विश्वविद्यालय में हानिरहित चिकित्सा सुविधा का लाभ रोगियों को तो मिलेगा ही, यहां की औषधीय खेती से किसान भी समृद्ध होंगे। आयुष विश्वविद्यालय औषधीय खेती के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित करेगा। बाजार उपलब्ध होने से किसानों का रुझान भी परंपरागत के साथ ही ज्यादा मुनाफा देने वाले औषधीय उत्पादों की खेती की तरफ बढ़ेगा।
अब तक 30 प्रतिशत ही पूरा हुआ काम
आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण इस साल सितंबर महीने तक पूरा करना है लेकिन अब तक सिर्फ 30 प्रतिशत काम ही हो सका है।
स्टाल का भी निरीक्षण कर सकते हैं सीएम
ओपीडी का शुभारंभ करने के लिए आ रहे मुख्यमंत्री स्टाल का भी निरीक्षण कर सकते हैं। इसे देखते हुए देर शाम तक आयुर्वेद, होम्योपैथ, बाल विकास एवं पुष्टाहार, स्वास्थ्य विभाग, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन व टेराकोटा के स्टाल लगाने का काम चलता रहा। आयुष विश्वविद्यालय के निर्माण कार्यों की प्रगति दिखाने के लिए लखनऊ से माडल मंगाया जा रहा है । इन रोगियों को मिलेगा परामर्श: आंख, नाक, कान, गला, बाल रोग, स्त्री एवं प्रसूति रोग, पंचकर्म आदि।
ये आएंगे
कुलपति ने बताया कि बुधवार को आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु , अपर मुख्य सचिव रत्ना शुक्ला, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति डा. अतुल वाजपेयी, सदर सांसद रवि किशन शुक्ल, क्षेत्रीय विधायक महेंद्र पाल सिंह आदि।
अफसरों ने देखी व्यवस्था
विधायक महेंद्र पाल सिंह, मुख्य विकास अधिकारी संजय मीणा, जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर आदि ने कार्यक्रम की व्यवस्था देखी। अफसरों ने बताया कि आयुर्वेद की बीस लाख, यूनानी की पांच लाख और होम्योपैथ की पांच लाख की दवाओं की खरीद की गई है।
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