लखनऊ, बाबासाहब डा. भीमराव आंबेडकर के जन्मदिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आंबेडकर महासभा भवन में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सैकड़ों वर्षों की गुलामी की विकृतियों से भारतीय समाज भी अछूता नहीं रहा है। उस कालखंड में दलितों, पीड़ितों, शोषितों और वंचितों की आवाज बनकर डा. भीमराव आंबेडकर उभरे।
दुनिया के सबसे बड़े संविधान की रचना कर उन्होंने एक नए युग का सूत्रपात किया। उन्हें उन विकृतियों, सामाजिक कुरीतियों का आजीवन सामना करना पड़ा जो भारतीय समाज को सदैव कमजोर करती रहीं। इसके बावजूद उन्होंने गरीबों, शोषितों की आवाज को धार देने के अपने मिशन पर आजीवन कार्य किया। उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को ध्यान में रखकर ही 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का केंद्र सरकार ने निर्णय किया।
योगी ने कहा कि बिना भेदभाव के सरकारी योजनाओं का लाभ गरीबों और वंचितों को उपलब्ध कराना ही मानवता की असली सेवा है और यह काम केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों ने किया है। उन्होंने आंबेडकर महासभा के पदाधिकारियों को डा. आंबेडकर की स्मृति में कार्यक्रम आयोजित करने और उनके मिशन को आगे बढ़ाने के लिए साधुवाद दिया। कहा कि महासभा के कार्यों से प्रभावित होकर ही राज्य सरकार ने निर्णय किया कि जिस गरीब के पास जमीन का पट्टा नहीं होगा, उसे वह जमीन का पट्टा उपलब्ध कराएगी।
आज प्रदेश में हर घर नल योजना से एक करोड़ परिवार अच्छादित किए जा चुके हैं। पहले गरीबों को पानी के लिए भटकना पड़ता था। आज कोई किसी दलित को पीड़ित नहीं कर सकता है। सरकार जियो और जीने दो के सिद्धांत पर चल रही है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने हजरतगंज स्थित आंबेडकर प्रतिमा स्थल पर जाकर बाबासाहब को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
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