December 23, 2024

हिम सन्देश

न्यूज़ पोर्टल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वामी राम हिमालय विश्व विद्यालय में चिकित्सा शिक्षा पर 13वें राष्ट्रीय सम्मेलन में किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वामी राम हिमालय विश्व विद्यालय में चिकित्सा शिक्षा पर 13वें राष्ट्रीय सम्मेलन में किया प्रतिभाग

May be an image of 4 people and people standing

हिम सन्देश,  02 नवंबर 2022, देहरादून (सू.वि.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को जौलीग्रान्ट स्थित स्वामी राम हिमालय विश्व विद्यालय में चिकित्सा शिक्षा पर 13वें राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने कौशल व अनुरूपण उत्कृष्टता केन्द्र का लोकार्पण भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालयन इन्स्टीट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट, के संस्थापक स्वामी राम जी एक महान मानवतावादी, दार्शनिक, शिक्षक एवं श्रेष्ठ योगी थे। स्वास्थ्य देखभाल और आजीविका कौशल प्रदान करके इस पहाड़ी राज्य में अवसरों की कमी को दूर करने के उद्देश्य से उन्होंने हिमालयन इंस्टीट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट की स्थापना की थी। उनका मत था कि मानव शरीर भगवान का मंदिर है और अपने साथी प्राणियों की निस्वार्थ सेवा करना ही प्रार्थना का सर्वोच्च रूप है। उनकी प्रेरणा से ही यह संस्थान देश को कई वर्षों से अपनी उत्कृष्ट सेवाऐं प्रदान करता रहा है। आज हिमालयन आयुर्विज्ञान संस्थान प्रदेश में चिकित्सा के क्षेत्र में अपना उत्कृष्ट योगदान दे रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में चिकित्सा सुविधाओं में सुधार के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है और चिकित्सा के क्षेत्र में सुधार के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। राज्य में निःशुल्क जांच योजना प्रारम्भ की है। जिसके तहत मरीजों को 207 प्रकार की पैथोलॉजिकल जांचों की निःशुल्क सुविधा दी जा रही है। आज प्रदेश में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। प्रत्येक जिले में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए हैं। उत्तराखंड में आयुष्मान योजना के अन्तर्गंत 42 लाख 90 हजार से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। आयुष्मान योजना के अंतर्गत अब तक 5 लाख 83 हजार से अधिक मरीज मुफ्त में उपचार करा चुके हैं। इस कल्याणकारी योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के उपचार पर अब तक 1020 करोड़ खर्च किये जा चुके हैं।

May be an image of 4 people, people sitting, people standing and indoor

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कोविड महामारी के दौरान आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व पर्यावरण मित्रों को पांच माह तक 2-2 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की। हाल ही में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय से उत्तराखंड रक्तदान में देश भर में द्वितीय स्थान प्रसप्त हुआ। उन्होंने कहा कि योग्यता आधारित चिकित्सा पाठ्यक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना रहा है। अगर हमें आगे बढ़ना है तो अपने छात्रों को सही ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण से सज्जित करना होगा। यह आज के समय की मांग भी है। कोविड महामारी ने सिखाया है कि हम सभी को किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। हमारे मेडिकल कॉलेज को नियमित शिक्षण के साथ-साथ ई-शिक्षण के लिए तैयार रहना चाहिए तथा ई-मॉड्यूल और टेलीमेडिसिन से सुसज्जित रहना चाहिए। ताकि आने वाले समय में हम हर प्रकार से चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट बनें रहें और भविष्य की समस्याओं का सफलतापूर्वक सामना कर सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे मेडिकल छात्र ही भविष्य के भारत में उत्तम स्वास्थ्य सेवाओं का निर्धारण करेंगें। इसलिए चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता पर हमें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। रोगियों के कल्याण के लिए चिकित्सा शिक्षा से जुड़े छात्रों के कौशल और व्यवहार को परिष्कृत करने पर लगातार ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों से को चिकित्सा शिक्षा, ई-लर्निंग और सिमुलेशन लैब के लिए मजबूत मॉड्यूल विकसित करने हेतु आपस में सहयोग और समन्वय से कार्य करना होगा। उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में देश और दुनिया का नाम रोशन करें। इसके लिये सरकार हरसंभव सहयोग और सहायता प्रदान करेगी।

May be an image of 1 person, sitting and standing

इस अवसर पर नीति आयोग दिल्ली के सदस्य डॉ. विनोद कुमार पॉल , स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विजय धस्माना , प्रतिकुलपति डॉ. विजेन्द्र चौहान, हिमालयन आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रधानाचार्य डॉ. अशोक देवराड़ी, एसोसिएशन ऑफ हैल्थ प्रोफेशन एजुकेशन की अध्यक्ष डॉ. अंशु मौजूद रहे।