मल्लिकार्जुन खड़गे के जीवन पर आई किताब के विमोचन समारोह के आयोजन के बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस उत्तर भारत के किसी राज्य से चुनाव लड़ा सकती है। वे कर्नाटक के रहने वाले हैं। वे नौ बार लगातार कर्नाटक विधानसभा के सदस्य रहे और उसके बाद 2009 और 2014 में गुलबर्गा सीट से लोकसभा का चुनाव भी जीते। वे अपने जीवन में पहली बार 2019 में चुनाव हारे। उसके बाद पार्टी ने उनको राज्यसभा में भेजा। अभी वे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं इसलिए वे देश के किसी भी राज्य में जाकर लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे तो उन पर सवाल नहीं उठेगा। तभी इस बात की चर्चा है कि उनको उत्तर प्रदेश से लोकसभा का चुनाव लड़ाया जा सकता है।
कांग्रेस के जानकार सूत्रों का कहना है कि अगर बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस की बात नहीं बनती है तो खड़गे को उत्तर प्रदेश में प्रत्याशी बनाया जा सकता है। उनके लिए एक सुरक्षित सीट की तलाश की जा रही है। बताया जा रहा है कि बहराइच और बाराबंकी में से किसी सीट से उनको लड़ाने पर विचार हो रहा है। इससे कांग्रेस को उत्तर प्रदेश सहित पूरे उत्तर भारत में दलित वोट में मैसेज बनाने में कामयाबी मिली। यह मैसेज बनेगा कि कांग्रेस दलित प्रधानमंत्री बना सकती है। हालांकि कर्नाटक के कई नेता इसके पक्ष में नहीं बताए जा रहे हैं क्योंकि उनको लग रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के अपने गृह राज्य से लड़ाना चाहिए क्योंकि उससे पार्टी को फायदा होगा। तभी संभव है कि वे कर्नाटक और उत्तर प्रदेश दोनों जगह से चुनाव लड़ें।
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