December 23, 2024

हिम सन्देश

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ब्रिटिश सरकार ने भारतीयों के लिए ब्रिटेन में काम करना किया मुश्किल, वीजा में किया ये बदलाव

ब्रिटिश सरकार ने भारतीयों के लिए ब्रिटेन में काम करना किया मुश्किल, वीजा में किया ये बदलाव

लंदन। ब्रिटिश सरकार द्वारा कुशल श्रमिक वीजा के लिए सीमा बढ़ाए जाने से लगभग 300,000 गैर ब्रिटेन के लोग प्रभावित होंगे, जिनमें से कई भारतीय भी हैं। एक आवेदक का अब न्यूनतम वेतन 26,000 पाउंड से बढक़र 38,700 पाउंड होना चाहिए। हाउस ऑफ कॉमन्स में गृह सचिव जेम्स क्लेवरली ने कहा, बहुत हो गया। उन्होंने कहा, यह नीति यूके में नेट माइग्रेशन (शुद्ध प्रवासन) को कम करने के लिए डिजाइन की गई है।

ब्रिटेन में रहने के लिए आने वाले लोगों और छोडऩे वाले लोगों की संख्या के बीच शुद्ध प्रवासन का अंतर 2022 में 745,000 था और यह पूरे ब्रिटेन के लोगों के बीच बेहद अलोकप्रिय हो गया है। यूरोपीय संघ (ईयू) से बाहर निकलने के लिए मुख्य तर्कों में से एक आप्रवासन को नियंत्रित करना था जिसे यूरोपीय संघ में लोगों की अनिवार्य मुक्त आवाजाही को रोका नहीं जा सकता था। इसे भारत सहित दुनिया के अन्य हिस्सों से ब्रिटेन में आने वाले लोगों ने हराया है।

हालांकि स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल वीजा पर आने वाले ज्यादातर नर्सों को उच्च वेतन सीमा से छूट दी जाएगी। उन्हें अपने आश्रितों अर्थात् अपने साथियों और बच्चों को अपने साथ लाने की अनुमति नहीं होगी। जेम्स क्लेवरली ने कहा कि इससे स्वास्थ्य और देखभाल वीजा का दुरुपयोग बंद हो जाएगा। यूके में नर्सें भारत के साथ-साथ एशिया अफ्रीका और वेस्ट इंडीज के अन्य हिस्सों से भी आती हैं।

जेम्स क्लेवरली ने कहा, सितंबर 2023 को समाप्त होने वाले वर्ष में 100,000 देखभाल कर्मियों और वरिष्ठ देखभाल कर्मियों के साथ लगभग 120,000 आश्रित थे। अनुमान है कि केवल 25 प्रतिशत आश्रित ही काम पर हैं, जिसका अर्थ है कि एक महत्वपूर्ण संख्या सार्वजनिक सेवाओं का लाभ उठा रही है। इस साल की शुरुआत में ब्रिटेन में आश्रितों को लाने वाले छात्रों के लिए सख्त नियमों की घोषणा की गई थी। स्नातक छात्रों को अब अपने साथी या बच्चों को लाने की अनुमति नहीं है।

उन्होंने यह भी संकेत दिया कि विदेशी नौकरी चाहने वालों द्वारा देय स्वास्थ्य अधिभार 66 प्रतिशत बढक़र 624 पाउंड से 1,035 पाउंड हो जाएगा। इस कदम की आलोचना किए बिना विपक्षी लेबर पार्टी शैडो गृह सचिव यवेटे कूपर ने कहा कि नए प्रस्ताव इस कंजर्वेटिव सरकार की वर्षों की पूर्ण विफलता की स्वीकारोक्ति है। उन्होंने प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की आलोचना करते हुए कहा कि वह स्पष्ट रूप से बिना स्टीयरिंग के घूम रहे हैं और उन्हें हर जगह धकेला जा रहा है।

स्कॉटिश नेशनल पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि क्लेवरली की घोषणा का मूल्यांकन इस आधार पर किया जाएगा कि यह सही है या नहीं। इंडिपेंडेंट केयर ग्रुप के अध्यक्ष ने चेतावनी दी, मुझे लगता है कि हम देखेंगे कि और अधिक व्यवसाय विफल हो जाएंगे, केयर होम बंद हो जाएंगे। ऐसा प्रतीत होता है कि यूके में मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद उपलब्ध पोस्ट-स्टडी वर्क (पीएसडब्ल्यू) वीजा अभी तक नए दिशानिर्देशों के तहत नहीं आएगा। इससे भारतीय छात्रों को राहत मिलेगी, जिनकी संख्या 2021-22 में 120,000 थी।