देहरादून। मानसून में भले ही मौसम सुहाना हो जाता है, लेकिन साथ ही कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इस मौसम में स्वास्थ्य का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। इन दिनों दून मेडिकल कालेज में वाटर बोर्न डिजीज (जलजनित रोग) से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ी है। ओपीडी में रोजाना 100 से अधिक हैजा, टाइफाइड, हेपेटाइटिस, एमीबायसिस और उल्टी-दस्त जैसी रोगों से ग्रसित मरीज पहुंच रहे हैं।
मानसून का सीजन शुरू होते ही वाटर बोर्न बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है। दूषित पानी पीने व गंदे पानी से धोए गए खाद्य पदार्थ को खाने से व्यक्ति को कई तरह की बीमारी हो जाती है। इसके अलावा बासी खाना खाने व देर तक रखे कटे फल खाने से भी लोग इन बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।
संक्रमण से दस्त, उल्टी और पेट में कीड़े होने से शिकायत हो सकती है। दून मेडिकल कालेज के चिकित्सकों का दावा है कि यदि मरीज को समय से बेहतर इलाज नहीं मिला तो वह बेहोश भी हो सकता है। हालांकि, आजकल जलजनित रोगों से ग्रसित होकर पहुंच रहे मरीजों को त्वरित अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है और पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के बाद ही डिस्चार्ज किया जा रहा है।
अक्सर मरीज इन बीमारियों से ग्रसित होकर बेहतर इलाज नहीं कराते और आसपास के मेडिकल स्टोर व फार्मेसी से दवा लेकर काम चलाते हैं। जबकि यह बिल्कुल गलत है। ऐसे में अधिकांशत: हालत अधिक खराब होने लगती है। डाक्टर का कहना है कि यदि समय से बेहतर इलाज नहीं मिला तो मरीज के किडनी व लीवर फेल होने की आशंका बढ़ जाती है।
बरसात के मौसम में करें घरेलू उपाय
- कटे फल और बासी खाने का सेवन न करें
- सब्जी, फल और खाद्य सामग्री को गर्म पानी से घर में जरूर धुलें
- उबले हुए पानी का सेवन करें
- फ्रीज में रखा हुआ बासी खाना न खाएं
- नमक पानी का घोल बनाकर पियें
- दाल और सब्जी का पानी पियें
- ज्यादा समस्या होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में दिखाएं
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