रायपुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आज पूरे विश्व के लिए एक प्राथमिकता बन गई है और यह उभरती तकनीक विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं के लिए अनेक अवसर प्रदान करेगी।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) रायपुर के 14वें दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने AI को एक परिवर्तनकारी उपकरण बताते हुए कहा कि यह कंप्यूटरों को उन्नत कार्यों को अंजाम देने में सक्षम बनाता है। उन्होंने कहा कि AI का विकास विज्ञान पर निर्भर करता है, और इस क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों की जानकारी होना आवश्यक है।
राष्ट्रपति ने यह भी उल्लेख किया कि 2024 में दो भौतिकी और चार रसायन विज्ञान वैज्ञानिक, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता से जुड़े हुए थे, को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा, “जिस प्रकार औद्योगिक क्रांति ने मशीन सहायता और मानव श्रम का विस्तार किया था, उसी प्रकार AI क्रांति बड़े बदलाव लाएगी। AI आज पूरे विश्व में एक प्राथमिकता बन गया है।”
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता का विभिन्न जीवन क्षेत्रों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा और केंद्र सरकार इस अत्याधुनिक तकनीक को नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए बढ़ावा दे रही है। “भारत ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का संस्थापक सदस्य है। AI का सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, रणनीतिक और अन्य क्षेत्रों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। इंडियाAI मिशन के तहत, देश में स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित किया जा रहा है और युवाओं के लिए AI क्षेत्र में कई अवसर होंगे।”
राष्ट्रपति ने स्वास्थ्य क्षेत्र में तकनीक के बढ़ते उपयोग पर भी जोर दिया और कहा कि इंजीनियरिंग और स्वास्थ्य दोनों क्षेत्रों के छात्रों को अंतरविभागीय सहयोग में सक्रिय रूप से काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, “डिजिटल समावेशन में भारत की सफलता ने दुनिया को चौंका दिया है। हमारे देश में ऐसे और उदाहरण प्रस्तुत करने की क्षमता है।”
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