देहरादून: चमोली जिले के आपदाग्रस्त जोशीमठ में राहत कार्यों के लिए केंद्र सरकार से पैकेज प्राप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं। सूत्रों के अनुसार राहत पैकेज में एक हजार करोड़ के बजट का प्रविधान किया जा रहा है। आवश्यकता पडऩे पर कंटीजेंसी मद से भी धनराशि व्यय की जाएगी। जोशीमठ में खतरनाक भवनों आदि को लेकर चल रहा सर्वे पूर्ण होने के बाद केंद्र को इस बारे में प्रस्ताव भेजा जाएगा। शासन इसे तैयार करने में जुटा हुआ है। उधर, केंद्र सरकार भी जोशीमठ की स्थिति पर सीधी नजर बनाए हुए है।
मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के मुख्य सचिव डा एसएस संधु समेत अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा की। कैबिनेट सचिव ने जोशीमठ के सभी आपदा प्रभावितों के सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास समेत अन्य कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। जोशीमठ का लगभग 40 प्रतिशत क्षेत्र भूधंसाव की जद में है और इसे आपदाग्रस्त घोषित किया गया है। अब तक 723 ऐसे घर चिह्नित किए गए हैं, जिनमें दरारें पड़ी हैं। 131 परिवारों को अस्थाई रूप से चिह्नित राहत शिविरों में विस्थापित किया गया है। साथ ही प्रभावितों के स्थायी पुनर्वास के लिए तीन स्थल चयनित किए गए हैं। खतरनाक भवनों को हटाया जाना है। विभिन्न केंद्रीय एजेंसियां जांच कार्यों में जुटी हैं।
इस बीच सरकार ने राहत व पुनर्वास कार्यों के मद्देनजर केंद्र सरकार से पैकेज मांगने का निर्णय लिया। इसे लेकर इन दिनों कसरत चल रही है। जलशक्ति मंत्रालय की टीम के अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन सीमांत क्षेत्र विकास परियोजना की टीम भी जोशीमठ में है। उधर, केंद्र सरकार भी लगातार जोशीमठ की स्थिति और वहां चल रहे कार्यों की केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गाबा भी मानीटरिंग कर रहे हैं। मंगलवार को उन्होंने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम जोशीमठ की स्थिति की समीक्षा की। इस अवसर पर मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने उन्हें जोशीमठ में चल रहे कार्यों का संपूर्ण ब्योरा दिया। उन्होंने बताया कि प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है।
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