कवि चंदेल साहिब
देवभूमि हिमाचल
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गीत: गोविंद कृष्ण मुरारी
गोविंद कृष्ण मुरारी,
चरणों का मैं पुजारी.
पूजा करूँगा तेरी,
विनती करूँगा तेरी.
मैंने सुना है रामयुग में,
तूने सबरी तारी-२.
तेरी राह को तकते-२,
बीती उम्र है सारी.
धन्य है भीलनी प्यारी,
पूजा करी पुकारी.
गोविंद कृष्ण मुरारी,
चरणों का मैं पुजारी।
मैंने सुना है कृष्ण युग में,
तूने कुब्जा तारी-२.
सुंदरी-२ कहकर काया,
सुंदर ही कर डाली,
धन्य है कुब्जा प्यारी,
श्रृंगार करी बनवारी.
गोविंद कृष्ण मुरारी,
चरणों का मैं पुजारी।
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