मरीजों के रेफरल के लिए प्रदेश के अस्पतालों में कोआर्डिनेशन डेस्क स्थापित की जाएगी। यह निर्देश स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बुधवार को दून अस्पताल में अधिकारियों को दिए। स्वास्थ्य मंत्री पौड़ी के पूर्व विधायक मुकेश कोली को देखने दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय पहुंचे थे। पूर्व विधायक को अब इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चार राजकीय मेडिकल कालेज, 13 जिला चिकित्सालयों सहित राज्य की 25 प्रमुख चिकित्सा इकाइयों का गैप एनालिसिस किया जा रहा है। यह प्रयास है कि मरीज को रेफर करने की जरूरत ही नहीं पड़े। कहा कि रेफरल के बाद मरीज को कई स्तर पर दिक्कत उठानी पड़ती है। गंभीर स्थिति में मरीज व तीमारदार को कोई समस्या न आए इसके लिए अस्पतालों में कोआर्डिनेशन डेस्क स्थापित की जाएंगी। यह डेस्क ही हायर सेंटर से समन्वय स्थापित कर रेफरल के समय मरीज की मदद करेगी।
दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. केसी पंत ने बताया कि पूर्व विधायक मुकेश कोली यहां गाल ब्लैडर स्टोन के कारण भर्ती हुए थे। इस वजह से उनके पैंक्रियाज में सूजन आ गई थी। सर्जन डा. विनम्र मित्तल उनका इलाज कर रहे थे। गैस्ट्रो सर्जन अस्पताल में नहीं है। ऐसे में एम्स के चिकित्सकों से बात की गई। चिकित्सकों की सलाह पर उन्हें वहां रेफर किया गया है। इस दौरान वरिष्ठ सर्जन डा. अभय कुमार, सीपीआरओ महेंद्र भंडारी पीआरओ जसवंत रावत, गौरव चौहान आदि मौजूद रहे।
विधायक को साथ लेकर इलाज कराने पहुंचे
लैंसडौन विधायक दिलीप रावत को पैर में दिक्कत थी। बुधवार सुबह वह मंत्री के यहां पर तकलीफ में पहुंचे तो मंत्री तत्काल उन्हें अपनी गाड़ी में बैठा कर दून अस्पताल ले आए। यहां पर हड्डी रोग विभाग में डा. अनिल जोशी से परामर्श लिया। उनके परामर्श पर वरिष्ठ टेक्नीशियन महेंद्र भंडारी, अभय नेगी व सचिन कुमार ने उनका सीटी स्कैन और एमआरआइ किया। डा. जोशी ने उन्हें कुछ दवाएं और एक्सरसाइज बताई है।
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