प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को सातवें रायसीना डायलाग का उद्घाटन करेंगे। सिर्फ सात साल पहले 2016 में शुरू किया गया रायसीना डायलाग सिर्फ भारतीय कूटनीति के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक कूटनीति के विशेषज्ञों, शोधार्थियों, राजनेताओं और नीति-निर्धारकों के बीच विमर्श का एक महत्वपूर्ण मंच बन चुका है। दो वर्ष तक इसका आयोजन वर्चुअली हुआ था।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, 25 अप्रैल से 27 अप्रैल तक तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सूला लेयन शामिल होंगी। आयोजन में दुनिया के 90 देशों के प्रतिनिधि (जिसमें 25 देशों के वरिष्ठ मंत्री शामिल हैं) शामिल होंगे।
क्या है इस बार का थीम?
इस बार के आयोजन का थीम ‘टेरा नोवा: इंपैसंड, इंपेसेंट और इंपेरिल्ड’ रखा गया है। धरती का सबसे पुराना नाम टेरा नोवा है। इस नाम से थीम रखने के पीछे उद्देश्य यही है कि धरती को नए दृष्टिकोण से देखा जाए। विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस थीम के तहत छह प्रमुख विषय हैं जिसके आसपास पूरा आयोजन केंद्रित होगा। ये हैं लोकतंत्र के बारे में नए सिरे से विचार, बहुपक्षीय एजेंसियों की भूमिका, हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति, स्वास्थ्य व विकास को लेकर सामुदायिक स्तर पर उत्पन्न चुनौतियां, पर्यावरण की चुनौतियों को पार करते हुए हरित व्यवस्था के लक्ष्य और तकनीकी के क्षेत्र में बदलती स्थिति।
कई देशों के प्रतिनिधि पहुंचे
कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भारत में यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सूला लेयन, फिलीपींस के विदेश मंत्री टेडी लास्किन, अर्जेंटीना के विदेश मंत्री सेंटियागो केफिरो, नाइजीरिया के विदेश मंत्री जेफरी ओयीमा पहुंच चुके हैं। जबकि स्लोवेनिया, पुर्तगाल, पोलैंड, नीदरलैंड, मेडागास्कर, लिथुआनिया, नार्वे, लक्जमबर्ग, आर्मेनिया और गुयाना के विदेश मंत्री भी पहुंच रहे हैं।
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