January 7, 2025

हिम सन्देश

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ठंड से अकड़ते पैरों को राहत दिलाने में इन योगासनों से मिलेगी मदद

ठंड से अकड़ते पैरों को राहत दिलाने में इन योगासनों से मिलेगी मदद

सर्दियों में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं की आशंका बढ़ जाती है। जुकाम-खांसी के अलावा वायरल फीवर और पेट से जुड़ी समस्याएं सर्दियों के मौसम में आम है। इसके अलावा इस मौसम में शारीरिक सक्रियता कम होने के कारण शरीर में अकड़न और दर्द भी आम समस्या है। कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें ठंड के मौसम में पैरों की अकड़न का सामना करना पड़ता है। पैरों में अकड़न से रक्त संचार प्रभावित होता है।

योग न केवल शरीर को गर्माहट होता है, बल्कि मांसपेशियों को भी राहत देने में मददगार है। सर्दियों में योग के अभ्यास से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। इससे शरीर को गर्माहट मिलती है और शारीरिक सक्रियता बढ़ती है, जिससे शरीर में लचीलापन आता है और ठंड से अकड़ते पैरों में राहत दिलाने में भी मदद मिलती है । आइए जानते हैं पैरों की अकड़न कम करने वाले योगासनों के बारे में।

मलासन
मलासन के अभ्यास से पैरों और एड़ियों की जकड़न कम हो सकती है। मलासन योग करने से कूल्हों और कमर की जकड़न से राहत मिलती है। यह योग गर्भावस्था के लिए भी फायदेमंद है। शरीर का लचीलापन बढ़ाने और पाचन को बेहतर बनाने के लिए मलासन का अभ्यास कर सकते हैं। मलासन के अभ्यास के लिए स्क्वाट की मुद्रा में बैठकर हाथों को नमस्कार स्थिति में रखें।

ताड़ासन
ताड़ासन का अभ्यास पैरों की मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है और रक्त संचार को बढ़ाता है। ताड़ासन करने से जांघों, घुटनों और टखनों को मजबूती मिलती है। ताड़ासन करने से शरीर की हर मांसपेशी का इस्तेमाल होता है और शरीर में खिंचाव आता है, जिसे लचीलापन और लंबाई दोनों बढ़ती है। इस आसन के अभ्यास के लिए सीधे खड़े होकर हाथों को ऊपर उठाएं और एड़ियों पर खड़े हों। 10-15 सेकंड तक इसी स्थिति में रुकें।

वीरभद्रासन
इस आसन को योद्धा मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है। यह योग मांसपेशियों को मजबूत बनाने और लचीलापन बढ़ाने में मदद करता है। कूल्हों, जांघों और कंधों की मांसपेशियों में खिंचाव  लाने और लचीलापन बढ़ाने में वीरभद्रासन असरदार योग क्रिया है। पैरों की मजबूती और ठंड से अकड़न दूर करने के लिए वीरभद्रासन का अभ्यास फायदेमंद हो सकता है। इस आसन को करने के लिए एक पैर आगे और दूसरा पीछे फैलाएं। आगे वाले घुटने को मोड़ें और हाथ ऊपर उठाएं।

(साभार)