प्राकृतिक और जीरो बजट फार्मिंग पर गुजरात में तीन दिवसीय एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। यह सम्मेलन 14 दिसंबर को शुरू हुआ था, जिसका 16 दिसंबर यानी आज समापन होना है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और नरेंद्र सिंह तोमर भी शामिल हुए हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 6-7 सालों में किसानों की आय बढ़ाने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा, ये कान्क्लेव गुजरात में जरूर हो रहा है लेकिन इसका असर पूरे भारत के लिए है। भारत के हर किसान के लिए है।
वहीं, अमित शाह ने कहा, प्राकृतिक खेती पर आयोजित प्रथम राष्ट्रीय संगोष्ठी में सभी का स्वागत करता हूं। पूरे देश में प्राकृतिक खेती को किसान अपनाए इसके लिए पीएम मोदी ने मुहिम को गति देने का निश्चय किया है। देश के किसान इसे अपना रहे हैं।
– मैं आज देश के हर राज्य से, हर राज्य सरकार से, ये आग्रह करुंगा कि वो प्राकृतिक खेती को जनआंदोलन बनाने के लिए आगे आएं। इस अमृत महोत्सव में हर पंचायत का कम से कम एक गांव जरूर प्राकृतिक खेती से जुड़े, ये प्रयास हम कर सकते हैं: पीएम मोदी
– प्राकृतिक खेती से जिन्हें सबसे अधिक फायदा होगा, वो हैं देश के 80% किसान। वो छोटे किसान, जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम भूमि है। इनमें से अधिकांश किसानों का काफी खर्च, केमिकल फर्टिलाइजर पर होता है। अगर वो प्राकृतिक खेती की तरफ मुड़ेंगे तो उनकी स्थिति और बेहतर होगी: पीएम मोदी
– कृषि से जुड़े हमारे इस प्राचीन ज्ञान को हमें न सिर्फ फिर से सीखने की जरूरत है, बल्कि उसे आधुनिक समय के हिसाब से तराशने की भी जरूरत है। इस दिशा में हमें नए सिरे से शोध करने होंगे, प्राचीन ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक फ्रेम में ढालना होगा: पीएम मोदी
– केमिकल और फर्टिलाइजर ने हरित क्रांति में अहम रोल निभाया लेकिन हमें इसके विकल्पों पर भी साथ ही साथ काम करते रहना होगा… हमें अपनी खेती को कैमिस्ट्री की लैब से निकालकर प्रकृति की प्रयोगशाला से जोड़ना ही होगा। प्रकृति की प्रयोगशाला तो पूरी तरह से विज्ञान आधारित ही है: पीएम
– खेती के अलग अलग आयाम हों, फूड प्रोसेसिंग हो, प्राकृतिक खेती हो ये विषय 21वीं सदी में भारतीय कृषि का कायाकल्प करने में बहुत मदद करेंगे। इस कान्क्लेव के दौरान यहां हजारों करोड़ रुपये के समझौते पर भी चर्चा हुई है- पीएम मोदी
– बीते 6-7 सालों में बीज से लेकर बाजार तक, किसान की आय को बढ़ाने के लिए एक के बाद एक अनेक कदम उठाए गए हैं। मिट्टी की जांच से लेकर सैकड़ों नए बीज तक, पीएम किसान सम्मान निधि से लेकर लागत का डेढ़ गुणा एमएसपी तक, सिंचाई के सशक्त नेटवर्क से लेकर किसान रेल तक, अनेक कदम उठाए हैं: पीएम मोदी
– प्रधानमंत्री समापन सत्र में वर्चुअली शामिल हुए हैं। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, खेती के अलग अलग आयाम हों, फूड प्रोसेसिंग हो, प्राकृतिक खेती हो ये विषय 21वीं सदी में भारतीय कृषि का कायाकल्प करने में बहुत मदद करेंगे। इस कान्क्लेव के दौरान यहां हजारों करोड़ रुपये के समझौते पर भी चर्चा हुई है।
– इस दौरान शाह ने कहा कि आजादी के बाद जीडीपी में कृषि के योगदान को सार्थक तरीके से बढ़ाने के रूप में पहल गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने की थी।
– कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘गुजरात खेती और सिंचाई की दृष्टि से बहुत अच्छा प्रांत नहीं माना जाता था, यहां पीने के पानी की कमी भी बहुत थी। सरकारें तो बहुत आईं और गईं लेकिन नरेंद्र मोदी जी ने भागीरथ बनकर गुजरात में पानी को बढ़ाया और खेती को भी समृद्ध बनाने का काम किया।’
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