December 28, 2024

हिम सन्देश

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उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण उत्तराखण्ड द्वारा तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय हनी-बी महोत्सव एवं संगोष्ठी का द्वितीय दिवस

उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण उत्तराखण्ड द्वारा तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय हनी-बी महोत्सव एवं संगोष्ठी का द्वितीय दिवस

हिम सन्देश, 19 दिसम्बर 2021, रविवार, हल्द्वानी। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण उत्तराखण्ड द्वारा तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय हनी-बी महोत्सव एवं संगोष्ठी रामपुर रोड अमरदीप होटल में द्वितीय दिवस रविवार को मुख्य अतिथि मंत्री कृषि एवं कृषक कल्याण सुबोध उनियाल, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने फीता काट कर प्रदर्शनीय व संगोष्ठी का दीप प्रज्जवलित कर विधिवात शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में कृषि मंत्री, निदेशक डॉ० एचएस बाजवा, अपर सचिव डॉ० राम बिलास यादव द्वारा आठ एमओयू प्रो. डोसीफर एलएलसी स्विट्जरलैण्ड ,स्पाईस्लेस स्विट्जरलैण्ड, अयूरा कम्पनी सिंगापुर, काव्या इंकॉपोसरेशन इंडिया, नब्या लाइफ केयर इंडिया, आईआईटी रूड़की, मिसिगन डाईग्नोस्टीक व गिरी डाईग्नोस्टीक इंडिया के साथ अनुबंध किये गये। उत्तराखण्ड औद्यानिक परिषद का लोगों लॉन्च एंव पुस्तक का विमोचन भी किया गया। राज्य के प्रत्येक जनपदों से बागवानी में उत्कृष्ट कार्य करने वाले उत्पादकों को प्रशस्ति पर देकर सम्मानित किया गया।

संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कृषि एंव कृषक कल्याण मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि हमारे राज्य में बहुत सम्भावनायें छुपी हुए है हमें उन्हें खोज कर धरातल में उतारना होगा। उन्होंने कहा कि भाव, अभाव व प्रभाव में आये व्यक्ति की मदद करें तथा दुनिया कोई लक्ष्य आपकी हिम्मत से बढ़ा नहीं है, इसलिए कृषक व अधिकारी दोनो मेहनत से कार्य करें लक्ष्य की प्राप्ति होगी। उन्होंने कहा कृषक नई-नई वैज्ञनिक तकनीकी का प्रयोग कर एवं उसकी गुणवत्ता बढ़ाये तांकि उन्हें उनके उत्पादक का उचित मूल्य मिल सके। उन्होंने कहा कि हमारे प्राधानमंत्री व मुख्यमंत्री कृषकों की आय दुगनी करने हेतु निरंतर प्रयासरत है 2022 तक कृषकों की आय दुगना करने का लक्ष्य भी रखा गया है। जिसमें हम 95 प्रतिशत आगे बढ गये है। उन्होने कहा कृषको में जागरूकता लाने एवं उनकों वैज्ञानिक तरीके से उत्पादन करने हेतु प्रदेश में अर्न्तराष्ट्रीय सेब महोत्सव, मशरूम महोत्सव, सब्जी मसाला महोत्सव के साथ ही अर्न्तराष्ट्रीय हनी बी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है तांकि हमारे कृषक जागरूक होकर कृषि के साथ ही कृषि सम्बन्धित अन्य कार्य अपनाकर अपनी आर्थिकी मजबूत कर सके व रोजगार भी सृजित कर सकें।

उन्होंने कहा कि देशी एवं विदेशी कम्पनीयों के साथ एमओयू कर कृषकों के उत्पादो को अर्न्तराष्ट्रीय पटल प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को कृषि में कई बार प्रथम राज्य का पुरूस्कार मिला है हाल ही में उत्तराखण्ड को लीडर आफ द ऑर्गनिक फार्मिंग का अवर्ड भी मिला है। उन्होंने कहा कि किसानों के चहरों पर खुशहाली आयेगी तभी इन पुरूस्कारों सार्थकता है। उन्होंने कहा कि खेती दिन-प्रतिदिन कम हो रही है इसलिए कृषकोें एलाईड कृषि क्षेत्रों से जुडना होगा तभी कृषकों की आय में वृद्धि होगी। सरकार हर तरीके से कृषकों के साथ है तथा कृषकों के उत्पाद में वैल्यू ऐडिसन कर उत्पाद आय में वृद्धि की जायेगी। उन्होंने कहा कि मण्डीयां कृषकों से सीधे मडुवा, चौलाई, झीगुरा अन्य प्रारम्परिक उत्पाक खरीदेगी तांकि कृषकों उत्पादो के विपरण में परेशानी ना हो व उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि पहाडों से पलायन रोकने एवं रिवर्स पलायन हेतु उन्हें जागरूकता के साथ ही कृषि में वैज्ञानिककरण कर उनकी आर्थिकी मजबूत करनी होगी। इसीलिए ऐसे महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमालीय क्षेत्रों के सभी उत्पाद हर्बल एवं आर्गनिक होते हैं, इसलिए सभी एमओयू कम्पनियां उनके विपरण एवं बाजार दिलाने में समन्वय बनाते हुए चेन स्थापित करें। उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षो में प्रदेश में 100 अधिक रिफॉर्म कृषि क्षेत्र में होये है सरकार द्वारा कृषकों अधिक-अधिक से इनपुट दे रही है मगर मेहनत तो कृषकों को करनी होगी।उन्होंने कृषकों से जागरूक होकर आगे आने की अपील की। उन्होंने कहा कि मौनपालन व्यवसाय से जुडे कृषकों के हित के लिए हर्बल क्वालिटी हनी को बढावा दिये जाने हेतु प्रोत्साहित किया गया। साथ ही उन्होंने विभागीय योजना एवं राज्य सैक्टर योजनान्तर्गत 40 प्रतिशत राजसहायता को बढ़ाकर 60 प्रतिशित करने की घोषणा की। इसके पश्चात मा० मंत्री, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, निदेशक द्वारा मौन उत्पादकों द्वारा लगाई गई प्रर्दशनी स्टालों को निरीक्षण कर संवाद किया। अपर सचिव डॉ० राम विलास यादव ने विभागीय जानकारी देते हुए अतिथियों का स्वागत किया व उन्हें स्मृति चिन्हन भेटें किये।

तकनीकी सत्र में डॉ० नवीन कुमार पाटलें, डॉ० पार्थ रॉय ने मधुमक्खी उत्पाद में गुणवत्ता पैरामीटर एंव औषधीय मूल्यों पर अपना व्याख्यान दिया तथा सीईओ स्पाइलेश स्विट्जरलैण्ड गरिमा गोयल, माटिन कुंज द्वारा ऑनलाइन माध्यम से उत्तराखण्ड को स्विट्जरलैण्ड के लिए एक प्रमुख शहद निर्यातक बनने के उपाय पर चर्चा की गई तथा कृषकों की आय दुगना करने हेतु उपाय साझा कियें। महोत्सव में विभिन्न जनपदो आये कृषकों ने बढ़ चढ़कर प्रतिभाग किया गया। संगोष्ठी में अपर निदेशक उद्यान जगदीश, मुख्य उद्यान अधिकारी भावना जोशी, समन्वयक सुरभि पाण्डे, जिला उद्यान अधिकारी अल्मोडा एनके पाण्डे, कुमाऊँ के समस्त उद्यान अधिकारी ने प्रतिभाग किया।