December 22, 2024

हिम सन्देश

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संस्कृत का प्रचार-प्रसार करने व इसे लोकप्रिय बनाने की आवश्यकता

uttarakhnad mimansa। संस्कृत सप्ताह के उपलक्ष्य में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् उत्तराखंड देहरादून के द्वारा राज्य के सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों मे संस्कृत भाषा के प्रति रूचि उत्पन्न करने के उद्देश्य से राज्य स्तरीय शिक्षक श्लोकोच्चारण व गीत प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अपर निदेशक अजय नौडियाल ने कहा कि संस्कृत विश्व की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है। आज इसका प्रचार-प्रसार करने और इसे लोकप्रिय बनाने की आवश्यकता है।

पाठ्यक्रम विभागाध्यक्ष प्रदीप रावत ने कहा कि संस्कृत पूर्णतया वैज्ञानिक भाषा है। इसमें निहित ज्ञान का अन्वेषण करने की आवश्यकता है।उपनिदेशक राय सिंह रावत ने प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि आपका संस्कृत के प्रति प्रेम अनुकरणीय है। इस तरह के आयोजन से संस्कृत का व्यापक प्रचार-प्रसार हो सकेगा। प्रतियोगिता में राज्यभर से 119 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने प्रतिभाग किया। श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता में डा सरस्वती पुण्डीर, डा निलेश कुमार, डा शिवानी राणा चन्देल, डा आलोक प्रभा पाण्डेय निर्णायक रहे। संस्कृत गीत प्रतियोगिता में डा उषा कटियार, डा सुरेश चन्द्र पोखरियाल, डा अर्चना गुप्ता, डा आरती जैन निर्णायक रहे। कार्यक्रम का संचालन/समन्वय डा शशिशेखर मिश्र ने किया।