ब्रज रज महोत्सव में शामिल होने के लिए प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ पहुंच चुके हैं। पवनहंस हेलीपैड पर उतरने के बाद वे सीधे पर्यटन सुविधा केंद्र पहुंचे। यहां संतों के साथ समागम करने के बाद अपने संबोधन की शुरूआत राधे रानी, यमुना महारानी और सब संतन की जय के साथ की।
मुख्यमंत्री बोले कि मेरी इच्छा थी कि जब पावन भूमि पर आऊं तो सन्तों का सानिध्य मिले। ब्रज रज उत्सव के लिए सांसद हेमा मालिनी ने विजया दशमी को बताया था लेकिन ये संभव नहीं हो सका। सन्तों के सानिध्य से कठिन से कठिन चुनौती महोत्सव में बदलती है। हमने कुम्भ पूर्व वैष्णव बैठक की थी। हमारे कार्यक्रम पर बिहारी लाल की कृपा हुई कि कार्यक्रम सकुशल समन्न्न हुआ। उस दौरान कोई कोरोना का संकट नहीं रहा। इसके बाद जय श्री राम के जयकारे के साथ संबोधन समाप्त हुआ। फिलहाल सीएम संतों संग भोजन पर बैठ गए हैं।
भले ही योगी आदित्यनाथ एक मुख्यमंत्री हैं, लेकिन जब संत-महंतों के बीच पहुंचते हैं, तो पूरी तरह धर्म के रंग में रंग जाते हैं। बुधवार को संत-महंतों के साथ सामूहिक भाेजन के लिए जब सीएम बैठे तो माहौल गुरु शिष्य परंपरा को दर्शा रहा है। वहीं संतों के बीच खासा उत्साह भी दिख रहा है। सात्विक भाेजन और धरती पर बैठकर धरती माता को सम्मान देने वाले सीएम कम ही होते हैं। ब्रज की रज पर कदम रखते ही सीएम योगी भक्ति भाव से परिपूर्ण हो जाते हैं। बिहारी जी के नाम स्मरण के साथ भक्ति का भाव उनकी आंखाें में झलकने लगता है। हालाकिि धार्मिक नगरी की इस रंगत के साथ राजनीतिक माहौल भी अभी दिखाइ देगा।
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