December 23, 2024

हिम सन्देश

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शिक्षक पति की हत्या में शिक्षिका पत्नी व प्रेमी को उम्रकैद

शिक्षक पति की हत्या में शिक्षिका पत्नी व प्रेमी को उम्रकैद

-घटना 15 जून 2018 को रायपुर क्षेत्र देहरादून में हुई थी। उस दिन देर रात पुलिस को रिंग रोड कृषि भवन के पास कार में शिक्षक किशोर चौहान का शव मिला था। शुरूआत में माना जा रहा था कि अत्यधिक शराब पीने के कारण शिक्षक की मौत हुई है। लेकिन, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि उनकी हत्या गला घोंटकर की गई है।

uttarakhand meemansa। देहरादून में शिक्षक की हत्या की दोषी शिक्षिका पत्नी और उसके प्रेमी सिपाही (निलंबित) को अपर जिला जज चतुर्थ चंद्रमणि राय की अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। अलग-अलग धाराओं में 35-35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर उन्हें अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

घटना 15 जून 2018 को रायपुर क्षेत्र में हुई थी। उस दिन देर रात पुलिस को रिंग रोड कृषि भवन के पास एक कार में व्यक्ति का शव मिला था। शव की पहचान शिक्षक किशोर चौहान निवासी रायपुर के रूप में हुई। किशोर चौहान राजकीय इंटर कॉलेज सजवाण काडा देवप्रयाग में कला पढ़ाते थे। शुरूआत में माना जा रहा था कि अत्यधिक शराब पीने के कारण शिक्षक की मौत हुई है। लेकिन, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि उनकी हत्या गला घोंटकर की गई है। ऐसे में पुलिस ने जांच की तो आराघर के पास सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि उनकी कार में कोई और भी बैठा हुआ है।

किशोर चौहान के भाई की शिकायत पर स्नेहलता के खिलाफ दर्ज किया गया था मामला

किशोर चौहान के भाई की शिकायत पर रायपुर थाने में किशोर की पत्नी स्नेहलता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने 48 घंटे के भीतर ही घटना का खुलासा कर दिया। हत्या के आरोप में 17 जून को पुलिस ने किशोर चौहान की पत्नी स्नेहलता और उसके प्रेमी हरिद्वार में तैनात सिपाही अमित पार्ले को गिरफ्तार कर लिया। स्नेहलता भी शिक्षक थीं और राजकीय इंटर कॉलेज शिवालीधार में गणित पढ़ाती थीं। पूछताछ में स्नेहलता ने बताया कि वह अमित पार्ले से प्यार करती है। पूछताछ में स्नेहलता ने बताया कि वह अमित पार्ले को पहले से जानती थी और दोनों के बीच प्रेम संबंध थे। पति को रास्ते से हटाने के लिए उनकी हत्या अमित के हाथों कराई। इसके लिए दोनों ने फोन पर बात कर योजना बनाई और 15 जून 2018 को गाड़ी में सवार हो गए। आराघर के पास स्नेहलता गाड़ी से उतर गई, अमित शराब पीने के लिए किशोर चौहान के साथ रिंग रोड तक गया। यहां जब किशोर सिंह ज्यादा नशे में हो गए तो उसने गला दबाकर उनकी हत्या कर दी।

एक महीने में 200 बार की बात

शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि हत्या के मामले में पुलिस को मुख्य लीड फोन रिकार्ड से मिली थी। आरोपित स्नेहलता और उसके प्रेमी अमित पार्ले के बीच एक महीने में 200 बार बात हुई थी। अमित पार्ले ने एक फोन व सिम किसी व्यक्ति से लिया था, जिसका इस्तेमाल उसने केवल घटना वाले दिन ही किया था। पुलिस ने आरोपित सिपाही से चार मोबाइल व महिला से तीन मोबाइल बरामद किए थे।

अमित ने डीएवी और स्नेहलता ने डीबीएस पीजी कॉलेज से की बीएससी

जांच में पता चला कि 1999 में अमित डीएवी और स्नेहलता डीबीएस पीजी कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई कर रही थी। 2000 में अमित का सिलेक्शन आईटीबीपी में हो गया। 2006 में पुलिस भर्ती होने पर अमित ने आइटीबीपी से इस्तीफा दे दिया। स्नेहलता की शादी किशोर के साथ में 2005 में हुई। जबकि, अमित की शादी 2004 में हो गई थी। दोनों सितंबर 2017 में सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए एक-दूसरे से संपर्क में आए, दोनों एक बार फिर से करीब हुए। मुलाकात का दौर शुरू हुआ और दोनों के बीच नजदकियां बढ़ने लगीं, इसकी भनक स्नेहलता के पति किशोर चौहान को हुई तो उन्होंने विरोध किया। पत्नी के विवाहेतर संबंध का पता लगने के बाद से ही शिक्षक किशोर डिप्रेशन में रहने लगे।

स्नेहलता पति को गाड़ी में बिठाकर खुद गाड़ी चलाकर अमित के पास पहुंची

15 जून को किशोर सिंह चौहान का स्नेहलता से प्रेम-प्रसंग को लेकर विवाद हो गया। विवाद के चलते वह सुबह से शराब पीने लगे। स्नेहलता और अमित ने पहले ही किशोर रास्ते से हटाने की प्लानिंग कर ली थी। शाम को जब वह धुत्त हो गए तो स्नेहलता पति को गाड़ी में बिठा कर खुद गाड़ी चला कर अमित के पास पहुंची और गाड़ी अमित के हवाले कर दी। अमित गाड़ी को सर्वे चौक, राजपुर रोड से होते हुए रिंग रोड लेकर पहुंचा, वहां पर उसने  किशोर सिंह चौहान की गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद अमित ने हर साक्ष्य को मिटाने का पूरा प्रयास किया। हत्या के दिन इस्तेमाल होने वाला अपना मोबाइल फोन भी वह हरिद्वार छोड़ कर आ गया। पुलिस ने पूछताछ की तो आखिरकार दोनों ने अपना जुर्म कबूला। 17 जून को पुलिस ने स्नेहलता और अमित को गिरफ्तार कर लिया। तब से दोनों जेल में बंद थे।

इन धाराओं में हुई सजा

– हत्या और आपराधिक षड़यंत्र (आईपीसी 302 व 120बी)- आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपये जुर्माना, जुर्माना अदा न करने पर चार-चार माह की अतिरिक्त कैद, साक्ष्य छुपाना (आईपीसी 201)- पांच-पांच साल का कठोर कारावास और 10-10 हजार रुपये का जुर्माना। जुर्माना अदा न करने पर तीन-तीन माह की अतिरिक्त कैद। शासकीय अधिवक्ता जेके जोशी ने बताया कि ने बताया कि बुधवार को अदालत में सजा के प्रश्न पर सुनवाई हुई थी। मुकदमे में अभियोजन की ओर से 36 गवाह अदालत में पेश किए गए थे। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने तर्क दिया था कि दोनों का यह पहला अपराध है, उनके छोटे-छोटे बच्चे हैं। लेकिन, अदालत ने अपराध को गंभीर प्रकृति का मानते हुए उम्र कैद की सजा का एलान कर दिया।