योगी 2.0 ने अपने नए सफर की शुरूआत शिक्षा और शिक्षण संस्थानों को और बेहतर बनाने के फैसले से किया है। शिक्षण संस्थानों काे राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने के लिए प्रदेश भर के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षाविद और अधिकारी मंथन करेंगे। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के नेतृत्व में आयोजित इस मंथन में केंद्र राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) के सभी सात बिंदु रहेंगे। इसके अतिरिक्त बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा के उन्नयन और बेहतरी पर विद्वान चर्चा करेंगे। कार्यक्रम 4 और 5 अप्रैल को प्रस्तावित है। इसके लिए डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय को चुना गया है। हालांकि इस आयोजन को लेकर किसी स्तर पर आधारिक सूचना जारी नहीं की गई इै।
शिक्षण संस्थानाें को और अधिक स्वस्थ माहौल देने के मकसद से यह अब तक का सबसे बड़ा प्रयास है। नई शिक्षा नीति और इस मंथन में शिक्षाविदों द्वारा सामने लाए तथ्यों से शिक्षा को नया आयाम मिलने का रास्ता साफ होगा, ताकि प्रदेश की शिक्षण संस्थाएं देश ही नहीं प्रदेश स्तर पर खुद को साबित कर सकें।
मंत्री, प्रमुख सचिव और सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति होंगे शामिल : 4 और 5 अप्रैल को होने वाले इस मंथन में शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हर दिग्गज को बुलाया जा रहा है। शिक्षण संस्थानों में शोध और नवाचार को बढ़ावा देने पर चर्चा होगी। साथ ही शिक्षा क्षेत्र से जुड़े मंत्री, प्रदेश के सभी 38 विश्वविद्यालयों के कुलपति व वरिष्ठ प्रोफेसर व विभागों के प्रमुख सचिव शामिल होंगे।
नैक के सात बिंदु
- पाठ्यचर्या संबंधी पहलू
- शिक्षण, सीखना, और मूल्यांकन
- अनुसंधान, नवाचार और विस्तार
- बुनियादी ढांचा और सीखने के संसाधन
- छात्र सहायता और प्रगति
- शासन, नेतृत्व और प्रबंधन
- संस्थागत मूल्य और सर्वोत्तम प्रथाएं
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