लखीमपुर, लखीमपुर का तिकुनियां कांड के बाद राजनीतिक सरगरमियां तेज हो गईं हैं। सुबह से ही मृत किसानों के परिवारों से मिलने के लिए राजनीतिक दलों के आने को लेकर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए जा रहे हैं। सरकार से अनुमति मिलने के बाद प्रियंका वाड्रा, राहुल गांधी आप पार्टी सांसद संजय सिंह समेत कई नेताओं का आगमन होने वाला है। केंद्रीय राज्य गृह मंत्री अजय कुमार मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र की भी किसी भी वक्त गिरफ्तारी हो सकती है। उनके घर के बाहर भी भारी पुलिस दल तैनात है। आप पार्टी के संजय सिंह सीतापुर से पुलिस कस्टडी में लखीमपुर के लिए रवाना हो चुके हैं, वे किसी भी समय वहां पहुंच सकते हैं। वहीं बताया जा रहा है कि भारतीय किसान यूनियन संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत लखीमपुर पहुंच गए हैं और बताया जा रहा है कि वे प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन करने जा रहे हैं। इसी बीच लखीमपुर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है।
मंगलवार को बहराइच पहुंचे थे टिकैत: राकेश टिकैत मंगलवार देर शाम बहराइच के मोहरनिया के मृत किसान गुरविंदर सिंह के घर पहुंचे थे। यहां मृतक का दोबारा दिल्ली राज्य में पोस्टमार्टम कराने के बाद अंतिम संस्कार बात उठाई थी। मौके पर पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत व परिवारजन ने शव को एयर लिफ्ट कराकर दिल्ली में दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग की थी। टिकैत ने कहा कि संयुक्त मोर्चा एवं पीड़ित परिवार की मांग के अनुरूप फैसला होना चाहिए। जबकि नानपारा कोतवाली के बंजारन टाड़ा निवासी दलजीत सिंह का मंगलवार को शव आने के बाद प्रशासन के समझाने पर अंतिम संस्कार देर शाम हो गया। वहीं दोबारा पोस्टमार्टम के बाद मृत किसान गुरविंदर सिंह का बुधवार को अंतिम संस्कार किया गया।
यह है मामला: बता दें कि तीन अक्टूबर को बनवीरपुर में आयोजित दंगल प्रतियोगिता में पुरस्कार वितरण के लिए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या पहुंचने वाले थे। किसानों ने तय किया कि कृषि बिलों के विरोध में उप मुख्यमंत्री को काला झंडा दिखाना है। किसानों ने तिकुनिया के गुरूनानक कालेज मैदान में हेलीपैड के पास घेरा डाल दिया। इस बीच थार जीप ने किसानों को रौंद दिया। जिसमें चार किसानों लवप्रीत सिंह, नछत्र सिंह, गुरूविंदर सिंह व दलजीत सिंह की दर्दनाक मौत हो गई। वायरल हो रहे कई वीडियो में यह भी दिखाया गया है कि इस घटना के बाद बाद सांसद के ड्राइवर हरिओम मिश्रा, भाजपा कार्यकर्ता शुभम मिश्रा, श्याम सुंदर निषाद व पत्रकार रमन कश्यप को डंडों से पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया। इस टकराव में आठ लोगों की जान चली गई। जिनके शवों का पोस्टमार्टम भी कराया गया
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