भाजपा प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में शनिवार को सभी 70 सीटों के पैनल पर मुहर लगा दी गई। इस बीच उत्तर प्रदेश में पार्टी की पहली सूची में जिस तरह लगभग 25 प्रतिशत विधायकों के टिकट काटे गए, उसने उत्तराखंड के भाजपा विधायकों को बेचैन कर दिया है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक उत्तराखंड में भी 10 से 15 विधायकों के टिकट कटने तय हैं। यह आंकड़ा भी चौथी विधानसभा में भाजपा के कुल विधायकों का लगभग 25 प्रतिशत ही बैठ रहा है
भाजपा अपने प्रत्याशियों की परख के लिए पिछले कई महीनों से चरणबद्ध ढंग से राज्य में सर्वे करा रही है। पिछले साल अगस्त में जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा उत्तराखंड प्रवास पर आए थे, उस वक्त यह जानकारी सामने आई थी कि लगभग डेढ़ दर्जन विधायकों के टिकट पर तलवार चल सकती है। बाद में यह आंकड़ा दो दर्जन तक भी पहुंचा। इस सबके बीच भाजपा को परेशानी का सामना भी करना पड़ा क्योंकि कमजोर आंके गए विधायकों के सशक्त विकल्प पार्टी को नहीं मिल पा रहे हैं।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि इस स्थिति में पार्टी शायद ही इतनी संख्या में वर्तमान विधायकों के टिकट काटे, लेकिन इतना तय है कि 10 से 15 तक विधायक इस बार फिर से प्रत्याशी नहीं बनाए जाएंगे। यही कारण रहा कि प्रदेश संसदीय बोर्ड की बैठक से पहले शुक्रवार को तमाम विधायक राजधानी देहरादून में सक्रिय नजर आए। वे मुख्यमंत्री और मंत्रियों से लेकर संगठन के पदाधिकारियों से इस संबंध में जानकारी लेने की कोशिश करते रहे।
शनिवार को भाजपा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की, जिसमें लगभग 25 प्रतिशत विधायकों की सीट पर नए चेहरों को मौका दिया गया है। इससे उत्तराखंड के भाजपा विधायक भी अब सशंकित दिखाई दे रहे हैं। खासकर, जिन्हें यह अंदेशा है कि इस बार उनका टिकट कट सकता है।
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