लखनऊ, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार बेसिक शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए प्रयासरत है। मुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल में उत्तर प्रदेश को तमाम योजनाओं तथा विधा में देश में शीर्ष पर लाने वाले योगी आदित्यनाथ दूसरे कार्यकाल में प्रदेश को साक्षरता में भी अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के प्रयास में हैं। मुख्यमंत्री ने माध्यमिक शिक्षा का स्कूल चलो अभियान का दूसरा चरण शुरु न होने पर नाराजगी जताई है।
माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने 10 मई को माध्यमिक विद्यालयों के लिए जारी शैक्षिक कैलेंडर में स्कूल चलो अभियान शुरू कराने का ऐलान किया था। गर्मी की छुट्टियों के बाद विद्यालय खुल चुके हैं, अब तक अभियान शुरू न होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को मंत्री से पूछा कि ये क्यों शुरू नहीं हो सका है, इसमें क्या परेशानी है?
मुख्यमंत्री कार्यालय में इस सवाल पर मंत्री ने अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा की ओर निहारा तो वे भी वाजिब जवाब नहीं दे सकीं। हकीकत यही है कि अब तक इस संबंध में शासनादेश जारी नहीं किया जा सका है। इसके अलावा माध्यमिक स्कूलों में वाई-फाई लगाने और छात्र-छात्राओं की ईमेल आइडी बनाने के लिए भी विभाग दिशा-निर्देश जारी करने से कतराता रहा, वैसे दावा है कि ये दोनों कार्य लगभग पूरे हो गए हैं।
इन प्रकरणों की सूचनाएं मुख्यमंत्री कार्यालय को नियमित मिलती रही, साथ ही तबादलों में भी देरी और प्रभारियों की बहुतायत में तैनाती की सूचनाएं भी मुख्यमंत्री तक पहुंची हैं। इसके अलावा राजकीय माध्यमिक कालेज के आफलाइन और अशासकीय सहायताप्राप्त विद्यालय शिक्षकों का तबादला आदेश न होने का भी मुद्दा गरम रहा। यूपी बोर्ड से संबद्ध माध्यमिक कालेजों में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं की करियर काउंसलिंग योजना पंख का शुभारंभ करने के लिए मुख्यमंत्री की ओर से अब तक कार्यक्रम नहीं दिया गया है। इसको लेकर चर्चा है कि मुख्यमंत्री माध्यमिक शिक्षा की कार्यशैली को लेकर खुश नहीं हैं।
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