मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य स्थापना के दो दशक के बाद उत्तराखंड युवा राज्य बन चुका है। पिछले दो दशकों में राज्य के विकास के लिए सतत प्रयास किए गए हैं, जिनका असर धरातल पर दिखाई भी दे रहा है। इस अवधि में राज्य के विकास का आधारभूत ढांचा बनाने के लिए भी कई पहलुओं पर प्रयोग हुए हैं। प्रदेश के सर्वांगीण विकास को एक दूरगामी योजना बनाने के लिए समाज के विभिन्न वर्ग एवं विषय विशेषज्ञों को सहयोगी बनाने का हमारा प्रयास है
रविवार देर शाम मुख्यमंत्री आवास में वर्चुअली आत्मनिर्भर उत्तराखंड बोधिसत्व विचार शृंखला को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुंचे, विकास में उसकी भागीदारी सुनिश्चित हो, इसके लिए राज्य के सर्वांगीण विकास की रूपरेखा के निर्धारण में विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों और प्रबुद्धजनों को सहयोगी बनाए जाने का हमारा प्रयास है। इसके लिए इस विचार शृंखला की शुरुआत की गई है।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बोधिसत्व विचार शृंखला के मंथन से निकलने वाला अमृत राज्य के लिए हितकारी होगा। उन्होंने कहा कि विचार शृंखला में प्राप्त सुझावों के आधार पर कार्ययोजना तैयार की जाएगी। इस विचार शृंखला में जिन विषय विशेषज्ञों ने अपने विचार और सुझाव दिए, उनमें पदमश्री कल्याण सिंह रावत, डा. दिनेश असवाल निदेशक भाभा परमाणु अनुसंधान, प्रो अन्नपूर्णा नोटियाल कुलपति हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, मानवेंद्र सिंह नेगी संस्थापक मंदाकिनी आवाज, सुधीर पंत, फिक्की फार स्टार्टअप, प्रहलाद सिंह अधिकारी तकनीकी विशेषज्ञ, डा किशन सिंह राणा, ग्रामीण विकास, डा सिद्धार्थ पाटनी सामुदायिक स्वास्थ्य, प्रो जेके जोशी, प्रो एसए हामिद भाषा और साहित्य शामिल रहे।
कार्यक्रम के संयोजक एवं मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रो. दुर्गेश पंत ने बताया कि इस संबंध में इस माह के अंत में सेमिनार का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ नीति आयोग के सदस्यों के साथ अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाएगा।
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