December 24, 2024

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भारतीय जनता पार्टी शासित 11 राज्यों के मुख्यमंत्री बुधवार को अयोध्या का करेंगे दौरा

भारतीय जनता पार्टी शासित 11 राज्यों के मुख्यमंत्री बुधवार को अयोध्या का करेंगे दौरा

भारतीय जनता पार्टी शासित 11 राज्यों के मुख्यमंत्री बुधवार को अयोध्या का दौरा करेंगे। इस दौरान उनके साथ उप मुख्यमंत्री भी रामलला तथा हनुमानगढ़ी का दर्शन व पूजन करेंगे। यह सभी सीएम आज तो वाराणसी में हैं।

भगवान शिव की नगरी काशी की नई सज्जा के उल्लास से अभिभूत भारतीय जनता पार्टी शासित 11 राज्यों के मुख्यमंत्री अयोध्या की ओर प्रवर्तित होंगे। काशी विश्वनाथ कारिडोर के लोकार्पण समारोह में शामिल होने के बाद भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री बुधवार को रामनगरी पहुंचेंगे। भाजपा शासित राज्यों या गठबंधन वाले राज्यों के मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री अयोध्या जाएंगे और भगवान श्रीरामलला का दर्शन करेंगे। इनमें हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, असम, मणिपुर, त्रिपुरा, गुजरात, हरियाणा, गोवा, बिहार, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के सीएम शामिल हैं। सभी मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम अयोध्या में रात भर रुकेंगे और विभिन्न मंदिरों के दर्शन करेंगे। विस्तृत व्यवस्था वीआईपी के ठहरने के लिए बनाए गए हैं। नगर मजिस्ट्रेट सत्येंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि अब तक 11 मुख्यमंत्रियों और तीन उपमुख्यमंत्रियों के आगमन का प्रोटोकॉल प्राप्त हो चुका है। यह संभवत: पहली बार होगा कि अयोध्या में इतने राज्यों के मुख्यमंत्री एक साथ आ रहे हैं। सभी मुख्यमंत्री राम मंदिर निर्माण स्थल देखेंगे और राम लला की पूजा भी करेंगे। गणमान्य व्यक्तियों की मेजबानी अयोध्या नगर निगम के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय करेंगे।

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह पटेल, असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्वा शर्मा, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देव तथा अरुणांचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू सहित बिहार की उप मुख्यमंत्री रेणुदेवी एवं तारकिशोर प्रसाद के आने का कार्यक्रम तय हो गया है। यहां के कार्यक्रम के अनुसार अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बुधवार को सुबह आठ बजे सड़क मार्ग से अयोध्या के लिए रवाना होंगे और मध्याह्न 12 बजे अयोध्या पहुंचेंगे। गुजरात के मुख्यमंत्री के आगमन का समय नहीं तय हो सका है, किंतु उनका आगमन तय है।

रामनगरी के धर्माचार्य मुख्यमंत्रियों के आगमन को लेकर उत्साहित हैं। दशरथमहल पीठाधीश्वर बिंदुगाद्याचार्य देवेंद्रप्रसादाचार्य, जगद्गुरु स्वामी रामदिनेशाचार्य, रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमारदास, नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास, वशिष्ठभवन के महंत डा. राघवेशदास, मंगलभवन के महंत रामभूषणदास कृपालु, सरयू की नित्य महाआरती करने वाली संस्था आंजनेय सेवा संस्थान के अध्यक्ष एवं रामकचेहरी मंदिर के महंत शशिकांतदास, पत्थर मंदिर के महंत मनीषदास आदि ने इसे रामनगरी के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया तथा कहा, इस अवसर को अविस्मरणीय बनाए जाने का पूरा यत्न होना चाहिए।