देहरादून: उत्तराखंड परिवहन निगम को परिसंपत्ति बंटवारे के क्रम में उत्तर प्रदेश से अवशेष 100 करोड़ रुपये भी प्राप्त हो गए हैं। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम उत्तराखंड को परिसंपत्तियों के एवज में अब तक 205 करोड़ रुपये दे चुका है।
इससे दोनों निगमों के बीच परिसंपत्तियों के विभाजन की समस्या का स्थायी समाधान हो गया है। अब उत्तराखंड परिवहन निगम इस संबंध में उच्च न्यायालय में विचाराधीन मुकदमों को वापस ले लेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार प्रकट किया है।
सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में परिवहन मंत्री चंदन राम दास ने कहा कि निगम को यह धनराशि मुख्यालय भवन, लखनऊ, कार सेक्शन लखनऊ, केंद्रीय कार्यशाला कानपुर, कार्यशाला एवं ट्रेनिंग सेंटर कानपुर तथा अजमेरी गेट नई दिल्ली स्थित अतिथि गृह की परिसंपत्तियों के एवज में मिला है।
उन्होंने कहा कि निगम को इस राशि से काफी फायदा होगा। परिवहन निगम अभी 150 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा 60 नई बसें भी खरीदी जा रही हैं। इनमें 30 बसें साधारण और 30 बसें सीएनजी की होंगी। इन सभी को जल्द बस बेड़े में शामिल करने की तैयारी चल रही है। परिवहन निगम में वेतन विसंगति दूर करने की दिशा में लगातार कदम उठाए जा रहे हैं।
नई दिल्ली के लिए वैकल्पिक बसों की हो रही व्यवस्था
दिल्ली सरकार ने कुछ समय पहले एक पत्र जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि एक अक्टूबर से दिल्ली की सीमाओं पर केवल बीएस-6 मानक के वाहनों को ही प्रवेश करने की अनुमति होगी। उत्तराखंड के पास बीएस-6 मानक वाली कुछ बसें हैं लेकिन सभी अनुबंधित हैं।
ये प्रतिदिन उत्तराखंड से दिल्ली जाने वाले यात्रियों के लिए नाकाफी हैं। हालांकि, परिवहन मंत्री का कहना है कि इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। यात्रियों को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी। जरूरत पड़ेगी तो निगम के पास 200 बसें तैयार हैं।
दुरुस्त करेंगे बस अड्डे व आइएसबीटी
परिवहन मंत्री ने कहा कि परिवहन निगम का लक्ष्य 2025 तक अपने बस अड्डों को दुरुस्त करना है। उन्होंने कहा कि आइएसबीटी टनकपुर, सेंट्रल डिपो काशीपुर, हल्द्वानी, पौड़ी, श्रीनगर, हरिद्वार, रुड़की के डिपो को उच्चीकृत किया जाएगा। इनमें कुछ डिपो पीपीपी मोड पर, तो कुछ विभाग स्वयं दुरुस्त करेगा।
परिवहन आयुक्त कार्यालय में शिफ्ट होगा निगम मुख्यालय
परिवहन मंत्री ने कहा कि जल्द ही परिवहन निगम मुख्यालय को परिवहन आयुक्त कार्यालय में शिफ्ट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि परिवहन निगम अभी सालाना 30 लाख रुपये किराया दे रहा है। आयुक्त कार्यालय में निगम मुख्यालय शिफ्ट होने से यह खर्चा बचेगा।
आइएसबीटी के लिए दावा करेगा निगम
देहरादून आइएसबीटी का संचालन कर रही रैमकी कंपनी का कार्यकाल 2023 में समाप्त हो रहा है। परिवहन मंत्री ने कहा कि इसके बाद आइएसबीटी का संचालन परिवहन निगम द्वारा किए जाने का दावा एमडीडीए के समक्ष किया जाएगा।
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